निवेश और रिटर्न के लिहाज से पोस्ट औफिस यानी भारतीय डाकघर में भी कई बेहतरीन स्कीम्स (योजनाएं) चलती हैं. पोस्ट औफिस में करीब 9 तरह की निवेश योजनाएं चलती हैं जिनमें 4 फीसद से लेकर 8.3 फीसद तक का ब्याज मुहैया करवाया जाता है. इनमें से दो निवेश योजनाएं ऐसी हैं जिनपर 8 फीसद से ज्यादा का ब्याज मिलता है. हम अपनी इस खबर में आपको इन्हीं दोनों योजनाओं के बारे में बता रहे हैं. इंडिया पोस्ट की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार इन आकड़ों को पेश कर रहे हैं.
पोस्ट औफिस सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम
60 वर्ष की उम्र के बाद आर्थिक सुरक्षा के लिहाज से सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम एक बेहतर विकल्प है. इसमें अधिकतम निवेश की सीमा 15 लाख रुपये है. ऐसे लोग जो या तो 55 वर्ष की उम्र को पार कर चुके हैं या फिर 60 वर्ष की उम्र से कम हैं वो इसमें निवेश कर सकते हैं, या स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने वाले लोग भी इस निवेश विकल्प को चुन सकते हैं. इस स्कीम में किए गए निवेश का मैच्योरिटी पीरियड पांच साल का होता है. जमाकर्ता एक से ज्यादा अकाउंट खोल जा सकता है.
वहीं यह खाता एक पोस्ट औफिस से दूसरे पोस्ट औफिस में ट्रांसफर किया जा सकता है. मैच्योरिटी पूरी होने के बाद भी इसे 3 और वर्षों के लिए बढ़ाया जा सकता है लेकिन आपको यह काम मैच्योरिटी के एक्सपायर होने से एक साल पहले करना होगा. इस पर मिलने वाली ब्याद दर 8.3 फीसद होती है. वहीं एक साल के बाद इस खाते से मैच्योरिटी पूर्व भी निकासी की अनुमति मिलती है. इस स्कीम में किया गया निवेश आयकर की धारा 80C के अंतर्गत कर छूट के दायरे में आता है.
पोस्ट औफिस सुकन्या समृद्धि अकाउंट
पोस्ट औफिस में खोला जाने वाला यह अकाउंट भी कमाल का है. इस स्कीम में एक वित्त वर्ष के दौरान न्यूनतम 1,000 रुपये और अधिकतम 1,50,000 रुपयों का निवेश करना होता है. एक महीने में या वित्तीय वर्ष में जमा की संख्या पर कोई सीमा नहीं है. एक वैधानिक अभिभावक या मूल अभिभावक लड़की के नाम पर अकाउंट खुलवा सकते हैं.
यह खाता लड़की के पैदा होने के अगले 10 वर्षों के भीतर खुलवाया जा सकता है. इस खाते पर 8.1 फीसद की दर से ब्याज मिलता है. लड़की के 21 साल पूरे होने पर यह खाता बंद हो जाता है.