नौकरीपेशा लोगों की सबसे बड़ी समस्या यह होती है कि खाते में सैलरी क्रेडिट होने के कुछ दिन बाद ही उसका तीन चौथाई से ज्यादा हिस्सा खत्म हो जाता है. जरूरी खर्चों का भुगतान तो ठीक है, लेकिन युवा वर्ग को कभी-कभी अपने शौक से चलते कुछ ऐसे मदों में भी जबरन पैसा खर्च करना पड़ जाता है जिसे वो सूझबूझ से बचा सकते हैं. हम अपनी इस खबर में आपको ऐसे 3 कामों के बारे में बता रहे हैं जिन्हें कर आप अपनी सैलरी का काफी सारा हिस्सा बेवजह खर्च होने से बचा सकते हैं. जानिए इन पांच कामों के बारे में.
बैंक से न लें चेकबुक: आमतौर पर लोग शौक-शौक में बैंक से चेकबुक ले लेते हैं, जबकि डिजिटल युग में ऐसा करने से बचना चाहिए. चेकबुक से पैसा निकालने का जमाना अब खत्म हो चुका है. आपको शायद ही मालूम हो लेकिन बैंक चेकबुक के एवज में आपसे कुछ फीस लेता है. ये फीस 20 रुपये से लेकर 150 रुपये तक हो सकती है. चेकबुक पर लगने वाली फीस चेकबुक के पेज पर निर्भर करती है. ऐसे में अगर आप नेटबैंकिंग का इस्तेमाल करते हैं तो इस फीस को बचा सकते हैं.
सूझबूझ के साथ करें अपने एटीएम कार्ड का इस्तेमाल: एटीएम कार्ड का इस्तेमाल सूझबूझ के साथ करना चाहिए. आमतौर पर सभी बैंक महीने में सिर्फ 5 बार मुफ्त निकासी की सुविधा देते हैं. ऐसे में कोशिश करें कि आप इन 5 बार में ही अपनी महीनेभर की जरूरत का पैसा निकाल लें. ऐस कर आप बैंक की ओर से छठे ट्रांजेक्शन पर लगने वाले चार्ज (एक्स्ट्रा पेमेंट) से बच सकते हैं.
ड्यू डेट पर ही क्रेडिट कार्ड बिल भरने की आदत डालें: अगर आप समय पर अपने क्रेडिट कार्ड के बकाए का भुगतान कर देते हैं तो यह एक अच्छी आदत है. आमतौर पर हम अपने शौक को पूरा करने के लिए क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल तो कर देते हैं लेकिन इसके ड्यू डेट को अक्सर भूल जाते हैं जिस वजह से हमें बेवजह बैंक को पेनाल्टी का भुगतान करना होता है. अगर आप समय पर भुगतान करते हैं तो आप इस पेनाल्टी की रकम को बचा सकते हैं. आपको जानकारी के लिए बता दें कि क्रेडिट कार्ड की लेट पेमेंट करने पर आपके ऊपर 36 फीसद से लेकर 42 फीसद तक का चार्ज लगाया जा सकता है. सिर्फ 3 दिन की लेट पेमेंट पर भी आपको 750 रुपए चार्ज करने पड़ सकते हैं.