वर्तमान में आयकर रिटर्न (आईटीआर) फाइलिंग का सप्ताह चल रहा है. ऐसे में लोग आईटीआर में टैक्स बचाने के लिए उन निवेश विकल्पों का उल्लेख कर रहे हैं जो कि इसमें मददगार होते हैं. हालांकि काफी सारे लोग यह बात नहीं जानते हैं कि वो सिर्फ निवेश ही नहीं, बल्कि बचत करके भी अपना काफी सारा टैक्स बचा सकते हैं. अगर आप अब तक यह बात नहीं जानते थे तो यह खबर आपके काम की है. गौरतलब है कि वित्त वर्ष 2017-18 के लिए आईटीआर फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2018 है, ऐसे में आपके पास फाइलिंग के लिए काफी कम समय बचा है.
आईटीआर फाइलिंग में देनी होती है कौन सी डिटेल?
आयकर रिटर्न दाखिल करने के दौरान आपको अपनी सेविंग और उन खर्चों की पूरी डिटेल देनी होती है जो आपको टैक्स की बचत करने में मदद करते हैं. टैक्स डिडक्शन की श्रेणी में आने वाले अधिकांश निवेश 80सी के तहत आते हैं, हालांकि कुछ ऐसे खर्चे भी होते हैं जो आपकी टैक्स की बचत करते हैं और ये आयकर की धारा 80सी के दायरे में नहीं बल्कि अन्य धाराओं के अंतर्गत आते हैं. हम अपनी इस रिपोर्ट में आपको ऐसे ही कुछ खर्चों के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं.
एजुकेशन लोन: अगर आपने अपने लिए, पत्नी या बच्चे के लिए एजुकेशन लोन लिया हुआ है या फिर आप किसी स्टूडेंट के कानूनी रूप से अभिभावक है तो सेक्शन 80ई के तहत लोन के लिए भुगतान की गई ब्याज राशि पर आप टैक्स कटौती के लिए क्लेम कर सकते हैं. किसी भी वित्त वर्ष में भुगतान की गई कुल ब्याज राशि बिना किसी लिमिट के इस कटौती के लिए वैध है. स्कूल की ट्यूशन फीस भी सेक्शन 80सी के टैक्स बेनिफिट्स के दायरे में आती है. टैक्स बेनिफिट की राशि 1.5 लाख रुपये प्रति वर्ष की कुल सीमा के भीतर होनी चाहिए. टैक्स के लिहाज से फीस करदाता की टोटल ग्रौस इनकम को कम देता है जिससे टैक्स देनदारी भी कम हो जाती है.
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