अपनी उम्र से कम दिखना भला कौन नहीं चाहता. अगर बात महिलाओं की की जाए, तो वे अपनी बढ़ती उम्र को छिपाने के लिए कुछ भी ट्राई करने से पीछे नहीं हटतीं.

तभी तो कौस्मैटिक इंडस्ट्री ने भी बढ़ती उम्र पर लगाम लगाने वाले कई उत्पाद बाजार में उपलब्ध कराए हैं. ये उत्पाद चेहरे पर उभरती उम्र की रेखाओं को छिपाने में महिलाओं की बड़ी मदद करते हैं. मगर यह जरूरी है कि इन उत्पादों का उपयोग करने से पहले महिलाओं को इन के सही इस्तेमाल के बारे में पूरी जानकारी हो वरना इन का त्वचा पर विपरीत असर भी देखने को मिल सकता है.

कौस्मैटोलौजिस्ट, अवलीन खोखर कहती हैं, ‘‘कौस्मैटिक प्रोडक्ट्स खूबसूरती को बढ़ाने के लिए होते हैं. इन से चेहरे की कमियों को सुधारा जा सकता है, लेकिन यह जरूरी है कि उन कमियों के बारे में पता हो और उन्हें किस उत्पाद से ठीक करना है, यह भी जानकारी हो वरना उम्र कम लगने की जगह ज्यादा लगने लगती है.’’

त्वचा को करें मेकअप के लिए तैयार

अवलीन के अनुसार त्वचा पर कोई भी कौस्मैटिक उत्पाद लगाने से पहले उस का प्रकार जानना बहुत जरूरी है, क्योंकि त्वचा के अुनरूप मेकअप उत्पाद का चुनाव करने पर ही सही लुक मिलता है. बाजार में ड्राई, औयली और कौंबिनेशन स्किन के लिए अलगअलग कौस्मैटिक उत्पाद उपलब्ध हैं. सही चुनाव के साथ मेकअप के लिए त्वचा को तैयार करना भी जरूरी है. यदि त्वचा को साफ किए बगैर मेकअप किया जाए तो गंदगी स्किन पोर्स के अंदर ही रह जाती है और मेकअप की लेयर पोर्स को बंद कर देती है. इस से संक्रमण का डर रहता है. इसलिए मेकअप से पहले त्वचा की क्लीनिंग, टोनिंग और मौइश्चाराइजिंग जरूर करें. इस से मेकअप में स्मूदनैस आती है.

बचें कंसीलर के इस्तेमाल से

कंसीलर का इस्तेमाल काले धब्बों को छिपाने के लिए किया जाता है. इसे चेहरे के केवल उन हिस्सों पर लगाया जाता है जहां काले धब्बे होते हैं. मगर कुछ महिलाएं इसे पूरे चेहरे पर लगा लेती हैं. ऐसा करने से चेहरे की झाइयां उजागर होने लगती है. अवलीन कहती हैं कि कंसीलर थिक होता है और जरा सा लगाने पर ही असर दिखा देता है. ज्यादा लगाने पर यह चेहरे पर लकीरें बना देता है. कुछ महिलाएं काले घेरों को छिपाने के लिए भी कंसीलर का इस्तेमाल करती हैं, जोकि गलत है, आंखों के नीचे कंसीलर हमेशा इनर कौर्नर पर ही लगाना चाहिए. ज्यादा कंसीलर लगाने पर आंखें अलग से चमकती दिखाई देती हैं, जिस से पता लग जाता है कि आंखों पर कंसीलर लगाया गया है.

न लगाएं ज्यादा फाउंडेशन

सब से पहले फाउंडेशन का चुनाव अपनी स्किन टाइप के हिसाब से करें. मसलन, नौर्मल त्वचा वाली महिलाएं जहां मिनरल बेस्ड या फिर मौइश्चराइजर युक्त फाउंडेशन का इस्तेमाल कर सकती हैं, वहीं ड्राई त्वचा के लिए हाइड्रेटिंग फाउंडेशन उचित रहेगा. फाउंडेशन सेम स्किन कलर टोन का ही लें वरना स्किन ग्रे दिखने लगेगी. औयली त्वचा के लिए पाउडर डबल फाउंडेशन का इस्तेमाल करना चाहिए. यह त्वचा को मैटीफाई करता है.

फाउंडेशन के सही चुनाव के साथ ही इस का सही इस्तेमाल भी बहुत जरूरी है. अमूमन महिलाएं पूरे चेहरे पर फाउंडेशन की परत चढ़ा लेती हैं, जो गलत है. फाउंडेशन को चेहरे पर लगाने का सही तरीका है कि जरा सा फाउंडेशन उंगली में ले कर डैब करते हुए अच्छी तरह चेहरे पर लगाया जाए. यह उम्र के साथ त्वचा में हुए डिस्कलरेशन को दूर करता है.

कौंपैक्ट से दें फिनिशिंग

बहुत सी महिलाएं फाउंडेशन के बाद कौंपैक्ट पाउडर नहीं लगातीं. अवलीन इसे मेकअप ब्लंडर मानती हैं. वे कहती हैं कि कौंपैक्ट पाउडर मेकअप को फिनिशिंग देता है. हां, इस का भी अधिक इस्तेमाल नहीं करना चाहिए वरना चेहरे पर लकीरें उभर आती हैं.

इस का चुनाव भी सावधानी से करना चाहिए. सब से पहले तो स्किन कलर टोन के हिसाब से ही शेड चुनें. अपनी स्किन टाइप का भी ध्यान रखें. मसलन, औयली त्वचा के लिए औयल कंट्रोल मैट फिनिशिंग वाला कौंपैक्ट पाउडर तो ड्राई स्किन के लिए क्रीमी कौंपैक्ट लें. यह त्वचा को हैल्दी लुक देता है. सैंसिटिव स्किन के लिए इमोलिएंट औयल एवं वैक्स युक्त कौंपैक्ट सब से अच्छा विकल्प होता है.

आई मेकअप करें ध्यान से

यंग दिखने के लिए बहुत जरूरी है कि आई मेकअप अच्छी तरह किया गया हो. अधिकतर महिलाओं को भ्रम होता है कि आंखों पर डार्क मेकअप करने से जवां लुक आ जाता है मगर अवलीन इसे भ्रम करार देते हुए कहती हैं कि  ‘एशियन स्किन कलर टोन पर अर्थी कलर नैचुरल लगते हैं. खासतौर पर उम्र को कम दिखाने में कौपर, ब्राउन और रस्ट कलर सब से अधिक कारगर हैं. आईशेड्स में इन रंगों का ही इस्तेमाल करना चाहिए. इस बात का भी ध्यान रखें कि क्रीमी आईशेड्स न चुनें, क्योंकि ये आंखों की झुर्रियों को छिपाने में सफल नहीं होते. आईशेड्स के साथ ही आईलाइनर भी ब्राउन ही चुनें.’

आंखों का मेकअप काजल और मसकारे के बिना अधूरा है. काजल आंखों को हाईलाइट करता है. आजकल स्मजप्रूफ काजल फैशन में है इसलिए अपने लिए यही काजल चुनें. मसकारा चुनते वक्त भी थोड़ी सावधानी बरतें. बढ़ती उम्र के साथ आईलैशेज झड़ने लगती हैं. गलत मसकारे से डाउन फाल बढ़ सकता है, वहीं हाइडे्रटिंग मसकारे से आईलैशेज को मजबूती मिलती है. सही मसकारा चुनने और इस के सही इस्तेमाल से ही जवां लुक पाया जा सकता है. इसलिए मसकारे को हमेशा अपर और लोअर लैशेज पर लगाएं. इस से आंखों को बहुत अच्छा लुक मिलता है.

लिपस्टिक के ब्राइट शेड्स चुनें

वैज्ञानिक तौर पर डार्क शेड्स किसी भी सरफेस को छोटा दिखाते हैं. मगर बात जब होंठों की आती है तो इस का विपरीत प्रभाव देखने को मिलता है. डार्क शेड होंठों को बड़ा दिखाते हैं. अपनी उम्र से कम दिखना है तो न्यूड और ग्लौसी लिपस्टिक का चुनाव करें. साथ ही, यह भी ध्यान रखें कि लिपलाइनर लिपस्टिक के शेड से मैच करता हो और फटे होंठों पर लिपस्टिक न लगाएं. होंठ फटे हैं तो पहले पैट्रोलियम जैली लगा कर स्मूद कर लें.

इस तरह अगर मेकअप की बारीकियों की सही जानकारी हो तो ढलती उम्र में भी आप जवांजवां दिख सकती हैं.

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