हम आमतौर पर अपनों की आर्थिक सुरक्षा के लिहाज से जीवन बीमा पौलिसी लेते हैं. ऐसे जितना जरूरी बीमा पौलिसी खरीदना होता है उतना ही जरूरी सही बीमा पौलिसी का चुनाव करना होता है. आप अपनी जरूरतों के हिसाब से बीमा पौलिसी चुन सकते हैं. जीवन बीमा एक अनुबंध होता है जो बीमाधारक की मृत्यु की स्थिति में आपके परिजनों को आर्थिक सुरक्षा देने का आश्वासन देता है. मुख्य रूप से जीवन बीमा दो तरह के होते हैं. ट्रेडिशनल होल लाइफ और टर्म लाइफ इंश्योरेंस अवधि.
हालांकि किसी भी तरह के फंड्स और प्लान को चुनने से पहले आपको कुछ बातें ध्यान रखनी चाहिए. हम अपनी इस खबर में आपको छह ऐसी बातें बता रहे हैं जिन्हें बीमा लेने से पहले आपको ध्यान में रखना चाहिए.
पहला
बीमा पौलिसी खरीदते वक्त आप एक अनुबंध के तहत सहमत होते हैं. यदि अनुबंध खरीदते वक्त आप मैच्योरिटी डेट पर सहमत हैं, तो आप एग्री टर्म और नंबर को बाद में नहीं बदल पाएंगे. उदाहरण के तौर पर यदि आप 60 वर्षों का टर्म प्लान लेते हैं तो तो आप मैच्योरिटी डेट नहीं बदल पाएंगे. हालांकि, आप एक और कवर खरीद सकते हैं जो आपको 80 साल तक बीमा कर सकता है.
दूसरा
आप बीमा कंपनी से लोन ले सकते हैं, इस पर पौलिसीधारक द्वारा लोन लेते वक्त जिस लोन को चुना गया है उस पर आपसे इंटरेस्ट रेट लिया जाएगा. इंटरेस्ट रेट एक सूचकांक से जुड़ा हुआ रहेगा. बता दें कि बीमाकर्ताओं के बीच ब्याज दरें अलग-अलग होती हैं.
तीसरा
यदि एक निश्चित वर्ष के बाद आप अपनी पौलिसी छोड़ देते हैं, तो कंपनी द्वारा चार्ज किया जाने वाला शुल्क आपकी पौलिसी और इसके विशेषताओं पर निर्भर करता है. ऐसे में सरेंडर मूल्य सीधे भुगतान किए गए प्रीमियम की राशि से जुड़ा नहीं होगा, बल्कि यह यूनिट लिंक्ड पौलिसी के यूनिट वैल्यू या पारंपरिक नीतियों के अर्जित लाभों पर निर्भर करता है.
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