2007 से अभिनय के क्षेत्र में कार्यरत अभिनेत्री रसिका दुग्गल बहुत धीमी गति से काम करते हुए अपनी एक अलग पहचान बनाती रहीं. उन्होने हमेशा फिल्मों की संख्या बढ़ाने पर जोर देने की बनिस्बत गुणवत्ता वाला काम करने को प्रधानता दी. मगर जैसे ही उन्हे नंदिता दास ने फिल्म ‘‘मंटो’’ में सआदत हसन मंटो की पत्नी साफिया का किरदार निभाने का अवसर दिया, वैसे ही रसिका दुग्गल अचानक चर्चा में आ गयीं और फिर दो वर्ष के अंदर रसिका दुग्गल ने जितना काम किया, उतना उन्होंने उससे पहले के नौ वर्ष के दौरान भी नहीं किया था. अब तो भारत में ही नहीं विदेश में भी उनके अभिनय की चर्चा हो रही है. उन्हें शोहरत की बुलंदियों तक पहुंचाने में वेब सीरीज ‘‘ह्यूमरसी योर्स’’ और फिल्म ‘‘मंटो’’ का योगदान है.
आज लोग रसिका दुग्गल को बेहतरीन अदाकारा की संज्ञा देने में कोई कसर बाकी नहीं रख रहे हैं, मगर हकीकत यह है कि ‘पुणे फिल्म इंस्टीट्यूट’ पहुंचने तक रसिका दुग्गल ने अभिनय या फिल्मों से जुड़ने के बारे में नहीं सोचा था. मजेदार बात यह है जमशेदपुर निवासी रसिका ने दिल्ली विश्व विद्यालय से गणित विषय में बीएससी की पढ़ाई कर रखी है.
जब हाल ही में रसिका दुग्गल से उनके घर पर लंबी बातचीत हुई, तो कई सच सामने आए.
क्या आपकी परवरिश कला के माहौल में हुई है?
बिलकुल नहीं...मेरे घर में कला का कोई माहौल नहीं है. मेरे पिता का औटोमोबाइल पार्ट्स का बिजनेस है. वह टाटा कंपनी को औटोमोबाइल पार्ट्स सप्लाई करते हैं. मुझे भी बचपन से अभिनय वगैरह का कोई शौक नहीं रहा. जब मैं उच्च शिक्षा के लिए दिल्ली पहुंची, तो किसी एक विषय के साथ बीएससी की पढ़ाई करनी थी. तो मैंने बिना कुछ सोचे गणित विषय ले लिया. उस वक्त तक मेरी सोच यही थी कि मुझे कुछ पढ़कर डिग्री हासिल करनी है. जब मैं पढ़ाई के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय पहुंची, तो वहां इतने एवेन्यू थे कि सिर चकरा गया. परिणामतः कौलेज में मेरी दिलचस्पी गणित में कम और कौलेज की सांस्कृतिक गतिविधियों में ज्यादा हो गयी. मैं नाटकों में अभिनय करने लगी. वैसे मैंने जमशेदपुर में भी स्कूल के नाटकों में अभिनय किया था, पर तब स्थिति यह थी कि शिक्षक ने कह दिया कि आपको इस नाटक में यह किरदार निभाना है, तो हम कर लेते थे. पर दिल्ली विश्वविद्यालय में मुझे पता चला कि अभिनय की बहुत बड़ी दुनिया है.