आज परिवार में शादी के बाद अगर युवती मां बनने में असक्षम होती है तो उसे न जाने कितने ताने मारे जाते हैं. यहां तक कि परिवार वाले यह कहने से भी गुरेज नहीं करते कि इस ने हमारे बेटे की जिंदगी बरबाद कर दी है और हमें कहीं मुंह दिखाने लायक नहीं छोड़ा है. काश, हमारे बेटे की शादी इस लड़की से होती ही नहीं. युवती इसे भीतर की कमजोरी मान कर चुपचाप यह ताने सहती रहती है और अंदर ही अंदर रोती रहती है. क्योंकि अब वह इस घर को अपना जो मान बैठी होती है. लेकिन हर मामले में यह जरूरी नहीं कि युवती में ही कमी हो.
आज विश्वभर में अनेक ऐसे मामले सामने आए हैं जिस में पुरुषों में कमी होने की वजह से भी युवतियां मां नहीं बन पाती हैं. यानी इस तरह से आजकल पति होता है नपुंसक पर पत्नी पर आता है संकट.
डालिए एक नजर सर्वे पर
वैज्ञानिकों ने अमेरिका और स्पेन के पुरुषों पर किए शोध में पाया कि पिछले 15 सालों में पिता बनने के लिए इलाज कराने वालों की संख्या में 700 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. उन के शुक्राणुओं की संख्या इतनी कम हो गई है कि जिस के कारण महिलाओं को गर्भवती होने के लिए आईवीएफ तकनीक का सहारा लेना पड़ रहा है, जो चिंता का विषय है.
विश्वभर में पुरुष इनफर्टिलिटी की समस्या
आप को बता दें कि आज हर पांच में से एक कपल इनफर्टिलिटी की समस्या का सामना कर रहा है जिस का कारण पुरुष है. किसी में लो स्पर्म प्रौब्लम है, तो किसी में स्पर्म सही ढंग से कार्य करने में सक्षम नहीं है. डब्ल्यूएचओ के अनुसार लगभग 60-80 मिलियन कपल इनफर्टिलिटी की समस्या को झेल रहे हैं. हाल की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में 50 प्रतिशत इनफर्टिलिटी पुरुषों में कमी की वजह से है.
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