टाइल्स हमारे घर का सजावट का अहम हिस्सा हैं. लिविंग रुम के फ्लोरिंग टाइल्स का रंग और पैटर्न उसकी सुंदरता में चार चांद लगा सकता है. कम से कम ज्वाइंट वाले बड़े टाइल्स से वह जगह बड़ी नजर आती है. इसके अलावा अगर किचन या बाथरूम की बात की जाए तो वहां कमरे के अनुसार टाइल के पैटर्न, कलर्स या म्यूरल्स के साथ कई तरह के प्रयोग किए जा सकते हैं!
टाइल्स के बारे में अच्छी बात यह है कि वे लंबे समय तक चलते हैं और अगर सही प्रोडक्ट को उपयुक्त तरीके से लगाया जाए तो वह आजीवन चल सकते हैं. हालांकि, हम लोग निरंतर बदलाव भी चाहते हैं और कुछ दिन बाद वही टाइल्स और सजावट हमें उबाऊ लग सकते हैं. आपके द्वारा फर्नीचर में बदलाव किया जा रहा है और आपके टाइल्स का कलर आपके घर के नए लुक से मैच नहीं कर रहा है. इसलिए रिटाइलिंग होम मेक ओवर का एक अच्छा तरीका है और अगर टाइल-औन-टाइल के विकल्प को चुनते हैं तो आप बगैर मेस किए अपने घर का मेकओवर कर सकते हैं.
टाइलिंग वोज
ज्यादातर घर वाले टाइल्स में बदलाव करने से गुरेज करते हैं. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इसके टाइल्स बदलने की पारंपरिक विधि के अंतर्गत पुराने टाइल्स को तोड़कर निकाला जाता है और फिर नए टाइल्स लगाए जाते है. इससे कमरे की दीवारों को नुकसान भी हो सकता है और नए पेंट व वालपेपर की भी आवश्यकता पड़ सकती है. पहले कान्ट्रैक्टर्स फिसलन की संभावना को देखते हुए टाइल-औन-टाइल लगाने का सुझाव नही देते थे.
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