प्रेग्नेंसी में भी यानी 3-6 महीने के बीच का समय सुरक्षा की दृष्टि से सेफ होता है. इन महीनों के दौरान आप आसानी से ट्रैवल कर सकती हैं क्योंकि इन महीनों में मौर्निंग सिकनेस, अधिक थकान, सुस्ती जैसी शिकायतें कम ही होती हैं. ट्रैवलिंग उन महिलाओं के लिए नुकसानदेह हो सकती है, जिनकी प्रेगनेंसी हाई रिस्क पर हो.

किसी भी महिला के लिए गर्भ धारण करना एक सुखद पल होता है. इस दौरान उसे कई सावधानियां भी बरतनी पड़ती हैं, खासकर कहीं घूमने जाते समय. अक्सर यात्रा को लेकर गर्भवती महिलाएं दुविधा में रहती हैं लेकिन जरा सी सावधानी बरतकर आप प्रेगनेंसी में भी ट्रैवल कर सकती हैं.

  • प्रेगनेंसी में शुरुआती तीन महीने और लास्ट के तीन महीने सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होते हैं. इस दौरान सफर करने से बचना चाहिए. शुरुआती महीनों में मिसकैरिज का खतरा बहुत ज्यादा होता है. पहले तीन महीनों के बाद वोमेटिंग की प्रौबल्म भी कम हो जाती है.
  • ट्रैवलिंग गर्भवती महिला की डायट तथा व्यायाम के रुटीन को प्रभावित करती है. एक गर्भवती महिला को ट्रैवलिंग के दौरान स्वस्थ रहने के लिए पौष्टिक भोजन, सही प्रकार से आराम व खूब सारे फ्लूइड्स तथा लाइट एक्ससाइज भी जरूरी होती है.
  • वैसे तो प्रेगनेंसी के दौरान हवाई यात्रा सुरक्षित नहीं होती लेकिन किन्हीं कारणों से यदि आपको हवाई यात्रा करनी पड़े तो आपको गर्भावस्था के 14 -28 सप्ताहों के बीच में ही यात्रा करनी चाहिए. उससे पहले अपने डाक्टर की सलाह लेना कभी न भूलें.
  • गर्भवती महिलाओं में सफर के दौरान जी मिचलाना और उल्टी आना आम शिकायत है। दरअसल, गर्भावस्था के दौरान शरीर में कुछ ऐसे हार्मोन बढ़ जाते हैं जो जी मिचलाने के लक्षणों से लड़ने की शरीर की क्षमता को कम कर देते हैं.

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