भारतीय संस्कृति में हमेशा से ही शाकाहार की ओर जोर दिया गया है, लेकिन वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं के कई अध्ययनों के बाद शाकाहार का डंका अब विश्व भर में बजने लगा है.

शरीर पर शाकाहार के सकारात्मक परिणामों को देखते हुए दुनिया भर में लोगों ने अब मांसाहार से किनारा करना शुरू कर दिया है. तो आइये हम भी जानते हैं कि शाकाहार हमारे जीवन और स्‍वास्‍थ्‍य पर क्‍या प्रभाव डालता है.

शाकाहार अपनाइये

फेफड़े और कोलोरेक्टल कैंसर के रिस्‍क को कम करता है– शाकाहारी आहार जिसमें फल, सब्‍जियां और रेशे शामिल हों वह फेफड़े तथा उससे जुडी़ अन्‍य बीमारियों को दूर करता है.

टाइप 2 मधुमेह की रोकथाम- आजकल टाइप 2 मधुमेह अधिक आम होता जा रहा है क्‍योंकि दुनिया में कई लोग मोटापे से ग्रस्‍त हैं. लेकिन शाकाहार भोजन इसे रोकने के लिए काफी प्रभावी है. इसमें जटिल कार्ब्‍स और फाइबर होते हैं जो कि शरीर में इंसुलिन का प्रबंधन करने में मदद करता है.

स्‍वस्‍थ त्‍वचा- ऐसे आहार जिसमें पानी की मात्रा अधिक होती है, उसको खाने से एंटीऑक्‍सीडेंट और विटामिन प्राप्‍त होता है जिससे हमारी स्‍किन हमेशा चमकदार बनी रहती है.

ऊर्जा बढाए- शाकाहार भोजन को पचाने में शरीर की कम ऊर्जा खर्च लगती है, वरना जो लोग मांसाहार खाते हैं उन्‍हें पशु की चर्बी में जमे प्रोटीन को पचाने में अधिक ऊर्जा खर्च करना पड़ता है.

लो ब्‍लड़ प्रेशर- शाकाहार फैट और सोडियम में लो रहते हैं जिससे ब्‍लड़ प्रेशर कम होता है और खून का सर्कुलेशन सही रहता है.

पाचन सुधार- साबुत अनाज और सब्‍जियों में फाइबर पाया जाता है जो कि पेट की सभी समस्‍याएं ठीक करता है और तो और कैंसर से भी मुक्‍ती दिलाता है.

मधुमेह दूर करे- सब्‍जियों और मसालों का सेवन करने से ब्‍लड शुगर कंट्रोल में रहता है.

स्‍वस्‍थ्‍य अमीनो एसिड- पौधों में प्रोटीन, जैसे कि सोया आदि में अच्‍छी मात्रा में अमीनो एसिड होता है जो कि शरीर के मैटाबॉलिज्‍़म में सहायक होता है.

नही होती जमी वसा- ज्‍यादातर भारतीय भोजन को बनाने के लिये हम हमेशा ही प्राकृतिक तेल का प्रयोग करते हैं. यह जमी हुई चर्बी से मुक्‍त होते हैं इसलिये हार्ट की समस्‍याएं और मधुमेह आदि नहीं होता.

उम्र बढाए- वे लोग जो शाकाहार खाते हैं उनका शरीर तरह तरह के विषैले पदार्थों से मुक्‍त रहता है. रिसर्च के मुताबिक वेजिटेरियन लोग नॉन वेजिटेरियन के मुकाबले कम से कम 3-6 साल अधिक‍ जिंदा रहते हैं.

हेल्‍दी कोलेस्‍ट्रॉल लेवल- अनहेल्‍दी मीट और चर्बी युक्‍त भोजन ना खाने की वजह से शाकाहारी व्‍यक्‍तियों का कोलेस्‍ट्रॉल बिल्‍कुल नार्मल होता है और वह हमेशा स्‍वस्‍थ्‍य रेंज में रहते हैं.

कैंसर का खतरा कम- ऐसी डाइट जिसमें एंटीऑक्‍सीडेंट औ विटामिन्‍स हो को खाने से अपने आप ही कैंसर और अन्‍य बीमारियों का खतरा कम हो जाता है. वे लोग जो मीट खासकर चर्बी वाला मीट खाते हैं, उन्‍हें कैंसर का रिस्‍क ज्‍यादा होता है.

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