बौलीवुड में ‘‘मी टू’’ मूवमेंट के चलते हड़कंप मचा हुआ है. अजीब सी आपाधापी है. जिन पर आरोप लग रहे हैं, उनसे हर कोई दूरी बनाने का दिखावा कर रहा है. जब फिल्म ‘मुगल’ के निर्देशक सुभाष कपूर पर आरोप लगे, तो आमिर खान ने इस फिल्म को करने से इंकार कर दिया. फिर फिल्म के निर्माता और टी सीरीज के मालिक भूषण कुमार ने सुभाष कपूर की छुट्टी कर दी. पर दूसरे ही दिन भूषण कुमार पर भी ‘मी टू’ के तहत आरोप लग गए. फिर भी आमिर खान पुनः फिल्म ‘मुगल’ कर रहे हैं. इसे क्या कहा जाए. इसी तरह फिल्म ‘सुपर 30’ के निर्देशक विकास बहल पर आरोप लगे. पर सूत्र बता रहे हैं कि विकास बहल इस फिल्म के एडिटिंग के काम में लगे हुए हैं.
ऐसे में सवाल उठना स्वाभाविक है कि बौलीवुड मे ‘‘मी टू’’ महज प्रचार का हिस्सा बनकर रह गया है?वास्तव में फिल्म इंडस्ट्री में शोहरत के साथ आर्थिक पक्ष बहुत प्रभावित करते हैं. जब धन का मसला हो तो हर कोई अपना अपना फायदा देखता है. इस संबंध में बात करते हुए हमसे कई अभिनेत्रियां कबूल कर चुकी हैं कि फिल्म को हाथ से जाने के मसले पर कई कलाकार खुद से समझौता करने को तैयार रहते हैं.
‘‘मी टू’’ मसले पर कई लोग खुलकर बोल रहे हैं, तो कुछ लोग मौन साधे हुए हैं. ऐसे मे हमने ‘‘वायाकौम 18’’ स्टूडियो के सीओओ अजीत अंधारे से इस मसले पर बात की. ज्ञातव्य है कि सबसे पहले 2013 में कार्यक्षेत्र में औरतों के हैरेसमेंट के विषय पर ‘‘वायकौम 18’’ ने फिल्म‘‘ इंकार’’ का निर्माण किया था, जिसमें चित्रांगदा सिंह व अर्जुन रामपाल की मुख्य भूमिका थी. इतना ही नही ‘वायाकौम 18’’ ही 2017 में औरत की सहमति पर फिल्म ‘‘पिंक’’ लेकर आया. दूसरी तरफ फिल्म निर्माण से जुड़े स्टूडियो के सामने ‘‘मी टू’’ मुहीम के चलते एक सवाल खड़ा हो गया है कि अब वह फिल्म निर्माण की दिशा किस तरह से तय करें? क्या वह उन लोगों के साथ फिल्में न बनाएं, जिन पर ‘मी टू’के तहत आरोप लग रहे हैं, यदि वह ऐेसा करते हैं, तो एक दिन ऐसा आएगा, जब फिल्म निर्माण ही ठप हो जाएगा. इसलिए हमने ‘‘वायाकौम 18’’ स्टूडियो के सीओओ अजीत अंधारे से इस मुद्दे पर बात की. तो अजीत अंधारे ने बहुत ही स्पष्ट शब्दों में अपनी बात कही.