उम्र बढ़ने के साथ-साथ बच्चों में शारीरिक और मानसिक कई बदलाव आने लगते हैं. खासकर टीनएज में तो कई तरह के नए भावों का जन्म होता है जिसमें प्यार, गुस्सा, आकर्षण जैसी कई चीजें शामिल हैं. बच्चों का इन सभी चीजों से सामना होता हैं तो ऐसे समय में अभिभावकों को उनके साथ खड़े होने की जरूरत होती हैं. खासतौर से जब टीनएज बेटी को प्यार हो जाए तो एक मां को परिस्थितियां संभालने की जरूरत पड़ती हैं. ऐसे में किस तरह संभाले परिस्थितियों को, आइये हम बताते हैं आपको.

अपना तजुर्बा प्यार से समझाएं

बेटी को कुछ कहने से पहले यह बात समझ लें कि उसके लिए यह नया अहसास है. आपकी डांट उस पर भारी भी पड़ सकती है. उसे अपना तजुर्बा प्यार से समझाएं. खुद परेशान होने की बजाए समझ से काम लें और इस चक्कर से निकलने में उसकी मदद करें ताकि वे आपसे कोई बात छिपा न पाए.

भरोसा बनाए रखें

आपका बच्चे के साथ अच्छा रिश्ता है तो इसे खराब न होने दें. उसकी हर बात ध्यान से सुनें, भरोसा बनाए रखें कि आप हमेशा उसके साथ हैं. धीरे-धीरे स्थिति को कंट्रोल करने की कोशिश करें.

उसके व्यवहार पर रखें नजर

इस उम्र का प्यार बच्चों के लिए बहुत अहमियत रखता है लेकिन यह सिर्फ मोह भी हो सकता है. बेटी इस बात का फर्क नहीं समझ सकती इसलिए उससे बहस करने की बजाए उसके व्यवहार पर ध्यान दें. अगर आपको समझ आ जाए कि बेटी किस स्थिति में है तो उसे संभालने में आसानी होगी.

दिल टूटने पर साथ न छोड़े

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