बिहार के पटना शहर की रहने वाली छवि पांडेय मध्यमवर्गीय परिवार में पली बढी थीं. छवि के पापा पटना में म्युजिक स्कूल चलाते हैं और उनकी मम्मी रेडियों सिंगर हैं. ऐसे परिवारों में लोग लड़कियों से केवल इतनी ही चाहत रखते हैं कि वह पढ़ लिखकर नौकरी कर ले इसके बाद उनकी शादी हो जाये. कई बार तो 18-19 साल में ही शादी कर दी जाती है. ऐसे में लड़कियां अपने मांबाप के कहे पर चल भर लेती हैं अपने सपने पूरे करने की तो वह सोंच भी नहीं सकती. छवि पांडेय खुद भी ऐसे ही परिवार की थीं. उनकी बड़ी बहन की शादी इसी उम्र में हो चुकी थी. छवि को गाना गाने का शौक था. छवि ने रियल्टी शो इंडियाज गौट टैलेंटम्यूजिक शो में हिस्सा लिया. यहां उनके हुनर को देखकर अभिनेत्री सोनाली बेंद्रे ने कहा वह बहुत सुदंर हैं. उन्हें गाने के साथ एक्टिंग में अपनी रूचि दिखानी चाहिये. यही वह दौर था जब छवि के गाने से खुश होकर उस समय के रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव ने छवि को रेलवे में नौकरी दे दी थी.

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छवि को तो अपने सपने पूरे करने थे वह नौकरी करने का फैसला छोड़कर एक्टिंग की दुनिया में अपना मुकाम हासिल करने मुम्बई आ गईं. छवि के लिये मुम्बई आकर रहने वहां स्ट्रगल करने का चुनाव करना सरल नहीं था. छवि के पिता यह नहीं चाहते थे. छवि की मां ने तब उनका साथ दिया और मुम्बई आ गईं. कम समय में ही उसे सफलता मिलने लगी. छवि का कहना है कि समाज लड़कियों के फैसले लड़कियों पर ही छोड़ दें. खुद उनको हल करने की कोशिश न करें. पेश है छवि पांडेय से उनके कैरियर और जीवन पर की गई बातचीत के प्रमुख अंश :

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