जाड़े के मौसम का हर कोई प्यार और खुशी से स्वागत करता है और करे भी क्यों न, गरमी की तेज धूप और उमस के बाद ठंडी सर्द हवाओं, हलके गरम कपड़ों और सूर्य की गरमाहट के साथ कहीं भी निकल जाने का मन जो करता है. लेकिन क्या आप ने भी सोचा है कि सर्दी का मौसम त्वचा के लिए कुछ समस्याएं भी ले कर आता है.

इस के शुरू होते ही त्वचा रुखी और बेजान होने लगती है और ऐसे में कोई ऐसा उत्पाद बहुत जरूरी है, जिस में विटामिन ए, सी और ई हो, जो हमारी त्वचा को सुरक्षा दे, पोषित रखे और नमी प्रदान करे. इस के अभाव में मौसम के बदलने से जो आनंद आप के चेहरे पर दिखना चाहिए वह दिखाई नहीं पड़ता.

चार्मिस के साथ खुशनुमा सर्दी

इस रुखे मौसम को खूबसूरत बनाने के लिए ही चार्मिस का कोमल स्पर्श सब से अधिक जरूरी है, क्योंकि इस में मौजूद विटामिन ए हमारी स्किन के आसपास एक लेयर बना कर उसे बेजान होने से बचाता है, जबकि विटामिन सी त्वचा को अल्ट्रावौयलेट किरणों के प्रभाव से बचाता है. इस के अलावा त्वचा जवां, मुलायम होने के साथसाथ उस में कसाव भी आता है. विटामिन ई सब से पौपुलर विटामिन है, साथ ही यह एक प्रभावी एंटीऔक्सिडैंट भी है. यह त्वचा को ऐजिंग से बचाता है और इस की नमी को बनाए रखता है. अगर आप ने सर्दी में चार्मिस का नियमित इस्तेमाल किया, तो सर्दी के आनंद को और भी बढ़ा सकती है.

एहसास भरोसे का

चार्मिस क्रीम की ब्रैंड एंबैसेडर और अभिनेत्री काजोल जिन्होंने मां की भूमिका कई फिल्मों जैसे ‘कभी खुशी कभी गम’, ‘फना’, ‘कुछकुछ होता है’, ‘हैलीकाप्टर इला’ जैसी फिल्मों में बखूबी निभाई है और असल जिंदगी में दो बच्चों की मां भी हैं, कहती हैं कि आप की अच्छाई आप के चेहरे पर नजर आती है. यह बात मैं ने मां बनने के बाद समझी है. आप जान लें कि आप की ईमानदारी, अखंडता, दयालू होना, नैतिक साहस आदि से भी ऊपर आप का व्यवहार होता है, जो आप दूसरों के साथ करते हैं और आप के व्यवहार से ही लोग आप से निकटता बढ़ाते हैं यानी आप के व्यवहार से उन्हें आप की अच्छाई का एहसास हो जाता है.

काजोल मानती हैं कि एक मां बच्चे का हाथ भले ही थोड़ी देर के लिए थामती हो लेकिन बच्चे का दिल पूरी जिंदगी उस से जुड़ा रहता है. एक मां बच्चे के लिए खुद में कोई भी बदलाव लाने में पीछे नहीं हटती. यही नहीं बल्कि समाज में बदलाव लाने में भी मां की अहम भूमिका होती है. इस के अलावा किसी भी चुनौती पूर्ण माहौल से हमारे बच्चे तभी निकल पाते हैं, जब उन की सोच मजबूत हो. मौम होने पर मैं ने इस बात को अनुभव किया है.

यह सही है कि मां का साथ किसी भी बच्चे के साथ 9 महीने पहले से जुड़ता है और एक मां उसे सब से अच्छी तरह से समझ सकती है. ऐसे में सही पेरैंटिंग पार्टनरशिप में मां अहम होती है. काजोल कहती हैं कि आज समय बदल चुका है. जैसे समय के साथसाथ हमारी जरूरतें बढ़ी हैं वैसे ही बच्चों की भी.

ऐसे में हमें बच्चों की खुद के समय से तुलना न करके उन्हें समझना चाहिए, उन्हें डांट और प्यार दोनों से ही हर चीज समझाने की कोशिश करनी चाहिए. जब हम उन्हें समझेंगे तभी वे हमारे रंग में रंग पाएंगे. इस में हमारी कोशिश ही बेहतर परिणाम ला सकती है.

चार्मिस मौम की यह समझ मुझे बहुत अच्छी लगी. बच्चों को करुनशील बनाने के लिए उन के व्यक्तित्व को सही दिशा देना आवश्यक है. चार्मिस की तरह ही मां का कोमल स्पर्श हर बच्चे की जरूरत है.

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