जैसे जैसे तकनीक का विकास हुआ है, बदलाव साथ में कई खतरे भी लाया है. चोरी और लूट के तरीके भी बदले हैं. जो लोग इन बदलावों को अच्छे से समझ नहीं पाते अक्सर ठगे जाते हैं. बीते कुछ दिनों में साइबर फ्रौड का का मामला तेजी से बढ़ा है. कई ऐसे मामले सामने आए जिसमें खाताधारक लेनदेन करता नहीं है फिर भी उसके खाते ले लाखों रुपये निकाल लिए जाते हैं. ई-मेल स्पूफिंग फिशिंग या कार्ड क्लोनिंग के जरिये डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड या नेटबैंकिंग फ्रौड किया जा सकता है.
इस खबर में हम आपको ऐसी कुछ जानकारियां देंगे जो ऐसे फ्रौड के दौरान आपके लिए फायदेमंद होंगे.
डेबिट या क्रेडिट कार्ड फ्रौड होने पर क्या करें?
जैसे ही आपको संदिग्ध लेनदेन के बारे में पता चले, आपको तत्काल अपने कार्ड जारीकर्ता या बैंक को इस बारे में सूचित करना चाहिए. बैंक में इस लेनदेन के बाबत शिकायत दर्ज करें और अपने खाते को ब्लौक करा दें. ताकि और ज्यादा पैसों की निकासी ना हो सके.
कहां दर्ज कराएं शिकायत?
सबसे पहले बैंक के कस्टमर केयर को कौल करें और उसे सारी बात समझाएं. बैंक को सूचना देने के बाद आपको अपने नजदीकी पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करानी चाहिए. कई बार पुलिस आपकी शिकायत दर्ज नहीं करती है. ऐसे में सीआरपीसी की धारा 156(3) के तहत कोर्ट में मामला दर्ज कराया जा सकता है.