कई कारणों के चलते आपको कई बैंकों में सेविंग अकाउंट खोलने पड़ते है. कुछ लोगों को बिजनेस पर्पज या सैलरी अकाउंट की प्राइवेसी बनाए रखने के लिए भी मल्टीपल अकाउंट खोलते है. एक ओर जहां मल्टीपल सेविंग अकाउंट के कुछ फायदे हैं, वहीं दूसरी ओर इसके नुकसान भी हैं. इस खबर में हम आपको बताएंगे कि ज्यादा सेविंग अकाउंट खोलने से आपको क्या नुकसान हो सकते हैं.

सबमें रखना होगा मिनिमम बैलेंस

आपके पास जितने सेविंग्स अकाउंट्स होंगे उन सब में ही आपको मिनिमम बैलेंस रखना होगा. आपका पैसा बिखरा रहेगा. हालिया सरकारी निर्देश के बाद सरकारी बैंकों में भी मिनिमम बैलेंस रखना जरूरी हो गया है.

ट्रांजेक्शन अलर्ट के चार्जेज

आपको बता दें कि समय समय पर बैंक ग्राहकों पर कई तरह के चार्जेस, जैसे वार्षिक मेनटेंस, मंथली स्टेटमेंट चार्ज, एसएमएस अलर्ट चार्ज आदि वसूलते हैं. फर्ज करिए कि आपके पास चार बैंकों के खाते हैं. सारे बैंक आपसे उपर दी गईं सेवाओं के चार्जेज वसूलेंगे.

डेबिट-क्रेडिट कार्डों का शुल्क

ज्यादा बैंक खाता यानि उतने ही डेबिट और क्रेडिट कार्ड्स. इन सारे कार्ड्स से बैंक चार्जेस वसूलते हैं. बिना किसी कारण आपको ज्यादा चार्जेस देने पड़ेंगे.

क्रेडेंशिल्य को याद रखना

ज्यादा बैंकों के क्रेडेंशियल्स याद रखना मुश्किल होता है. सबके यूजर नेम और पासवर्ड याद रख पाना मुश्किल होता है. पासवर्ड भूल जाने की स्थिति में आपको काफी परेशानी का समाना करना पड़ सकता है. बार बार गलत पासवर्ड डालने से आपका अकाउंट भी बंद हो सकता है.

आ सकती हैं आयकर की रडार पर

अगर आप इनकम टैक्स भरती हैं तो आपको सारे खातों की जानकारी आयकर विभाग को देनी होगी. किसी भी खाते की जानकारी ना देने की सूरत में आयकर विभाग से आपको नोटिस भी मिल सकता है.

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