मुसकराने से आप अच्छा महसूस करती हैं. मुसकराने से तनाव दूर हो जाता है, शरीर में नई ऊर्जा दौड़ने लगती है और आप का मूड भी ठीक हो जाता है. आप की मुसकान दूसरों को भी खूबसूरत एहसास देती है. लेकिन मुसकराने की वजह से धीरेधीरे चेहरे पर स्माइल लाइंस भी बनने लगती हैं.

स्माइल लाइंस एक तरह की झुर्रियां हैं, जो शुरुआत में आप के चेहरे के दोनों तरफ बनती हैं. कभीकभी ये आंखों के आसपास भी बन जाती हैं. जब आप मुसकराती हैं, तब ये लाइनें साफ दिखाई देती हैं. उम्र बढ़ने के साथ इन झुर्रियों को रोकना असंभव हो जाता है.

शुरुआत

शुरुआत में चेहरे पर ये लाइनें तभी दिखाई देती हैं, जब आप हंसती या मुसकराती हैं. हालांकि जिन लोगों के गाल मुलायम और गोलमटोल होते हैं, उन में ये लाइनें स्पष्ट रूप से नहीं दिखाई देती हैं. उम्र बढ़ने के साथ ये लाइनें गहरी होती हैं. लेकिन थोड़ी सी कोशिश से आप इन लाइनों को गहरा होने से रोक सकती हैं.

कैसे रोकें

– अच्छी जीवनशैली द्वारा आप इन लाइनों को रोक सकती हैं. अपनी त्वचा को धूप से बचाने के लिए रोजाना सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें.

– त्वचा में नमी बनाए रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं. बहुत ज्यादा कैफीन या शराब का सेवन न करें.

– दिन में चेहरे को 1-2 बार धोएं और इस के बाद त्वचा के अनुसार मौइश्चराइजर लगाएं.

– शाकाहारी आहार त्वचा की सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है.

उपचार के विकल्प: स्माइल लाइंस की बात करें तो इन के इलाज के कई विकल्प उपलब्ध हैं. लेकिन किसी भी तरह की सर्जरी या कौस्मैटिक प्रक्रिया को चुनने से पहले अपने डर्मैटोलौजिस्ट या प्लास्टिक सर्जन से मिलें, जो झुर्रियों के इलाज का विशेषज्ञ हो.

इंजैक्टेबल फिलर्स: इंजैक्टेबल फिलर्स उन के लिए बेहतरीन विकल्प है जो सर्जरी के बिना स्माइल लाइंस से छुटकारा पाना चाहती हैं. इन का असर तुरंत दिखाई देता है और अगर आप को इस के परिणाम पसंद न आएं तो इन्हें रिवर्स भी किया जा सकता है. लेकिन बारबार इंजैक्शन लगवाने से टिशूज में निशान बन जाते हैं.

सर्जरी: अगर आप स्थाई और ज्यादा बेहतर परिणाम चाहती हैं तो आप के पास सर्जरी का विकल्प भी है. फेसलिफ्ट स्माइल लाइंस का स्थाई समाधान है. इस से चेहरे और आंखों के आसपास की झुर्रियां दूर हो जाती हैं. आप का प्लास्टिक सर्जन फेसलिफ्ट के साथ आईलिड सर्जरी की सलाह भी दे सकता है. फेसलिफ्ट में संक्रमण की संभावना बहुत अधिक होती है. इस के अलावा कुछ अन्य साइड इफैक्ट्स भी हो सकते हैं जैसे निशान पड़ना, दर्द और तंत्रिकाओं को नुकसान पहुंचना.

लेजर उपचार: लेजर एक रीसरफेसिंग तकनीक है जिस में त्वचा की कोशिकाओं की ऊपरी परत को निकाल दिया जाता है. इस से त्वचा पर मौजूद दागधब्बे और लाइनें हलकी पड़ जाती हैं, क्योंकि नई त्वचा की निचली परत बाहर आ जाती है. इस के साइड इफैक्ट्स हैं दर्द और सूजन. लेकिन ये साइड इफैक्ट्स कुछ ही दिनों तक रहते हैं. इस उपचार के बाद निशान पड़ने या संक्रमण की संभावना भी होती है.

कोलोजन इंडक्शन: कोलोजन इंडक्शन थेरैपी से त्वचा में प्राकृतिक प्रोटीन बनने लगता है. उम्र बढ़ने के साथ त्वचा में कोलोजन कम होने लगता है. इसलिए त्वचा की इलास्टिसिटी कम हो जाती है. नीडलिंग के द्वारा कोलोजन से झुर्रियों और स्माइल लाइंस को भर दिया जाता है. इस प्रक्रिया के लिए आप का डाक्टर छोटी नीडल के साथ रोलर जैसे ऐक्लिप्स माइक्रोपैन भी इस्तेमाल कर सकता है. नीडलिंग के परिणाम धीरेधीरे दिखाई देते हैं. जैसेजैसे आप की त्वचा ठीक होती है, त्वचा पर लालिमा दिख सकती है.

ओटीसी क्रीम: ओटीसी क्रीम झुर्रियों के लिए एक किफायती विकल्प है. लेकिन इस का असर दिखने में कुछ महीने तक लग सकते हैं और इस के परिणाम स्थाई नहीं होते. इसके साइड इफैक्ट्स हैं त्वचा पर लालिमा, रैश और जलन.

होम लाइट ट्रीटमैंट: ओटीसी क्रीम के अलावा बाजार में कुछ किट्स भी उपलब्ध हैं जिन का इस्तेमाल घर में ही किया जा सकता है.

उम्र बढ़ने के साथ स्माइल लाइंस बनना सामान्य है. जैसेजैसे आप की उम्र बढ़ती है ये लाइनें और झुर्रियां बढ़ती जाती हैं, गहरी होती जाती हैं. अपने डाक्टर से बात करें और अपने लिए सब से अच्छा विकल्प चुनें.

-डा. साक्षी श्रीवास्तव

कंसलटैंट, डर्मैटोलौजिस्ट, जे.पी. हौस्पिटल

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