मोटापा आज लोगों के लिए बेहद आम और सबसे बड़ी परेशानी बन कर उभरी है. खराब डाइट और खराब लाइफस्टाइल के चलते लोगों में ये परेशानी और ज्यादा बढ़ी है. इन कारणों से लोगों के पेट पर चर्बी बढ़ती है. पेट पर जमा होने वाली चर्बी हमारे सेहत को बुरी तरह प्रभावित करती है. इसका सबसे ज्यादा बुरा असर हमारे दिमाग पर होता है. असल में पेट में मौजूद चर्बी से मस्तिष्क की क्रियाशील पदार्थ या बुद्धि (Grey Matter) कम होने लगती है. इस खतरे का खुलासा हाल ही में हुए एक स्टडी में हुआ.

शोध के मुताबिक दिमाग के क्रियाशील पदार्थ में करीब 100 बिलियन से अधिक नर्व कोशिकाएं होती हैं. इनमें सफेद पदार्थ में नर्व फाइबर होता है, जो दिमाग के हिस्सों से जुड़ा होता है.

आपको बता दें कि इस शोध को करीब 9650 लोगों पर किया गया. शोध में सभी लोगों के बौडी मास इंडेक्स (BMI) और कमर से हिप की जांच की गई. नतीजों में 5 में से लगभग 1 व्यक्ति मोटापे से पीड़ित पाया गया.

शोधकर्ताओं ने स्टडी में शामिल लोगों के दिमाग की वौल्यूम का पता लगाने के लिए उनके दिमाग का MRI स्कैन किया.

स्टडी के नतीजों में सामने आया कि 1, 291 लोग, जिनका BMI 30 या इससे ज्यादा था, उनके मस्तिष्क के क्रियाशील पदार्थ (Grey Matter) की वौल्यूम कम रही. स्टडी की रिपोर्ट के मुताबिक, वजन या मोटापे से पीड़ित लोगों के दिमाग का कुछ हिस्सा सिकुड़ने लगता है.

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