फिल्म ‘स्टूडेंट औफ द इयर’ में मुख्य अभिनेत्री के रूप में कदम रखने वाली आलिया भट्ट का जन्म फिल्मी परिवार में होने की वजह से उन्हें बचपन से ही अभिनय का शौक था. उनकी पहली फिल्म ‘संघर्ष’ थी, जिसमें उन्होंने बचपन की प्रीटी जिंटा की भूमिका निभाई थी. स्वभाव से विनम्र, हंसमुख और स्पष्टभाषी आलिया अपने फिल्मों को लेकर हमेशा सजग रहती हैं, इसलिए उसकी अधिकतर फिल्में बौक्स औफिस पर सफल रहीं. उन्हें हमेशा नयी कहानियां और भूमिका आकर्षित करती हैं. उनकी फिल्म ‘गली बौय’ रिलीज पर है. उनसे बात हुई पेश है कुछ अंश.

इस फिल्म में काम करने की इच्छा कैसे हुई?

ये फिल्म बहुत ही अलग और मजेदार है इसमें मैंने मुंबई की भाषा का खुलकर प्रयोग किया है. सेट पर भी मैंने वैसे ही बात की है, इससे इस किरदार को समझना आसान रहा. इसमें मुझे अधिक तैयारी नहीं करनी पड़ी. अभिनय के बाद मुझे लगा कि मैं एक सही मुम्बई कर हूं, जिसे टपोरी की तरह बात करना अच्छा लगता है.

आपने कई अच्छी फिल्में की और सफल रहीं, ये कितनी अलग है और इससे उम्मीद कितनी है?

मैं हर तरह की अलग फिल्म करने की कोशिश करती हूं. जोनर एक होने पर भी कहानी अलग होनी चाहिए. ये एक गली के लड़के की कहानी है, जिसमें मैं खास हूं, ऐसा शायद हर व्यक्ति के साथ होता है. यह एक अच्छी जर्नी है. हिपहौप और रैप के साथ कोई फिल्म आज तक बनी नहीं है, जिसमें उसके भाव को दिखाया गया हो और इसमें इसकी सारी सच्चाई को दिखाने की कोशिश की गयी है.

आप हिपहौप और रैप को कितना एन्जाय करती हैं?

अभी तक मुझे रैप के बारें में कुछ भी समझ में नहीं आता था. मैं अधिकतर मेलोडी सुनती हूं और कभी-कभी उसे सुनकर गलत या सही बोल के साथ गा भी लेती हूं, लेकिन इसमें एक कविता और ताल का मिश्रण है. मैंने रैप सुनने की कोशिश की और अब समझ पा रही हूं. ये मुझे आसान भी लग रहा है. इस फिल्म में एक वाक्य ‘अपना टाइम आएगा’ को लोग अपने साथ जोड़ पाएंगे, जिसे अभिनय करने में मजा आया.

आप अधिकतर फिल्मों में नए चरित्र के साथ रिस्क लेती हैं, इस बारें में आप क्या कहना चाहती हैं?

मेरे हिसाब से रिस्क लेने के नाम पर रिस्क नहीं लेना चाहिए. अगर कुछ आपको अच्छा लग रहा है और आप ये भी सोच रहे है कि इसमें रिस्क है, बिना अधिक सोचें उसे स्वीकार कर लेना चाहिए. कोई भी प्रोजेक्ट अच्छी होनी चाहिए और उसमें चुनौती हो, उसे भी स्वीकार कर लेना चाहिए. कई बार ये गलत भी हो सकता है, पर उससे मायूस नहीं होना चाहिए. अगर आप एक्सपेरिमेंट नहीं करेंगे, तो खुद की पोटेंशियल को समझ नहीं पायेंगे.

आपको किस बात पर गुस्सा आता है?

मैं बहुत शोर्ट टेम्पर हूं. किसी चीज को अगर मैं एक स्थान पर देखूं और उसे किसी को हटाने के लिए कहूं और उसे न हटाया जाय, तो मैं तुरंत गुस्सा हो जाती हूं. मैं इसे कंट्रोल करने की कोशिश करती हूं, पर जो होनी चाहिए उस पर मैं अपसेट हो जाती हूं. मैं इमोशनल बिल्कुल भी नहीं हूं और बहुत जल्दी किसी को माफ कर देती हूं.

सोशल मीडिया पर एक लड़की ने आपकी हमशक्ल बनकर आपके कई संवाद बोले हैं, जिसे लोग काफी पसंद कर रहे हैं, इस बारें में आपका क्या कहना है?

मेरे लिए इससे अच्छा अनुभव कुछ नहीं हो सकता, क्योंकि अगर कोई व्यक्ति, जो आपकी तरह दिखे और आपके ही डायलौग बोले, तो अच्छी बात है. इसका अर्थ है कि आपका चरित्र कहीं पर स्थापित हो चुका है, जिसे लोग सुनना पसंद कर रहे हैं.

आप वेलेंटाइन डे किसके साथ और कैसे मना रही हैं और इस दिन के बारें में आपकी राय क्या है?

मैं इस बार वेलेंटाइन डे नहीं मना रही हूं, क्योंकि मैं शूट पर हूं. स्कूल के दिनों में मुझे ये दिन बहुत पसंद था. तब किसको गुलाब का फूल मिलेगा, कौन किसको किस तरह से प्रपोज करेगा, आदि कई सवाल सबके मन में होते थे, जिसे सभी एन्जाय करते थे. मुझे एक बार किसी ने एक परफ्यूम दिया था. मैं बहुत खुश हो गयी थी और 10 दिन में लगाकर खत्म भी कर दिया था. इसे मनाना बहुत जरुरी है. इसे अच्छी तरह लव्ड वन, परिवार और दोस्तों के साथ मनाये. अपने सभी प्यारे लोगों को उपहार, लेटर, कार्ड आदि सब दें.

रणवीर कपूर आपकी बहुत तारीफ करते हैं, आप उनमें क्या खास देखती हैं?

वे एक साधारण इंसान की तरह हमेशा अभिनय करते हैं, जिससे मुझे बहुत प्रेरणा मिलती है. इसमें उनकी कुलनेस और लाइफ को जीने का अंदाज मुझे बहुत पसंद है.

महिला दिवस पर आप महिलाओं को क्या संदेश देना चाहती हैं?

मैं हमेशा ये कहती रही हूं कि आपके सपने को आप कैसे भी पूरा करें. आप खुद अपने आप को औरत समझकर कभी पीछे न हटें. पुरुष प्रधान समाज में हमेशा लोग कहते रहते है कि आप औरत है और आपसे ये काम नहीं होगा. मेरे हिसाब से ऐसा कुछ भी नहीं है, जो औरतें कर नहीं सकती. आपमें बस हिम्मत की जरुरत है.

मां के अलावा और कौन है, जिसने आपके जीवन को प्रभावित किया?

मेरी बहन पूजा और शाहीन ने मुझे बहुत प्रभावित किया. दोनों ही साहसी, इंटेलिजेंट और बहुत ही अच्छे से अपने मन की बात कह पाती हैं. वे दोनों मेरी शक्ति हैं. मैं उन्हें हमेशा गर्वित महसूस करवाना चाहती हूं.

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