सनग्लासेज पहनना तो हमेशा से ट्रेंडी माना जाता है. हां, कुछ लोग क्लासी दिखने के लिए पहनते हैं, तो कुछ लोग अपनी आंखों को सुरक्षा देने के लिए. हालांकि इन्हें लेकर कुछ मिथ भी प्रचलित हैं लेकिन अगर आप अपने आंखों की सुरक्षा करने चाहती हैं तो आपका इन मिथ्स पर ध्यान ना देना ही उचित है.

महंगे शेड्स ही अच्छे होते हैं : शेड्स खरीदते वक्त कीमत देखने के अलावा आपको यह भी देखना चाहिए कि शेड्स UVA और UVB किरणों से आपकी आंखों को पूरी सुरक्षा दे रहे हैं या नहीं.

लेंस का रंग मायने रखता है : क्या आप जानते हैं कि आपके लेंस का रंग चाहे ग्रे हो, ब्लू हो या कुछ भी हो. रंग UV प्रोटेक्शन फैक्टर पर कोई असर नहीं डालता.

स्क्रेच सही हैं : नहीं ऐसा बिल्कुल नहीं है. अगर आपके शेड्स में स्क्रेच है तो आप देखने के लिए अपनी आंखों पर ज्यादा जोर देती हैं और ऐसा करने से आंखों पर बुरा प्रभाव पड़ता है.

साइज से फर्क नहीं पड़ता : अगर आपको लगता है कि साइज से कोई फर्क नहीं पड़ता, तो आप गलत हैं. अगर हम एक्सपर्ट्स की माने तो, बड़े लेन्स वाले शेड्स अच्छे होते हैं क्योंकि वो रोशनी को आपकी आंखों में जाने नहीं देते.

सारे सनग्लासेज एंटी-ग्लेयर होते हैं : अगर आप ऐसा सोचती हैं तो कि सारे सनग्लासेज में एंजी-ग्लेयर होता है तो हम आपको बता देना चाहते हैं कि जिन चश्मों में पोलराइज्ड लेंस होता है, सिर्फ वे ही एंटी-ग्लेयर होते हैं.

लो-क्वालिटी के शेड्स भी ठीक होते हैं : ये बात बिल्कुल सही है कि हम सभी पैसे बचाना चाहती हैं, लेकिन जब बात सनग्लासेज की आती है, तो अच्छी क्वालिटी के शेड्स खरीदना ही सही और सुरक्षित होता है.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD48USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD100USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...