हमारे देश में कई मौकों और त्योहारों पर सोने और चांदी की खरीददारी शुभ मानी जाती है. कई खास मौको पर जमकर सोना खरीदा जाता है, लेकिन दुविधा यह रहती है कि ऐसे में सिक्के खरीदे जाएं या गहने.
खास मौको पर बाजार में उपलब्ध कई ऑफर्स भी आपको लुभाते हैं और गहनों के आकर्षक डिजाइन देखकर लगता है कि बस यही राइट चॉइस है. लेकिन यहां थोड़ा रुक कर सोचिए और अगर आप समझदारी दिखाएंगी तो पता लगेगा कि गहनों से ज्यादा सिक्के खरीदना बेहतर रहता है.
ये हैं वो कारण जो बताते हैं कि कैसे सोने और चांदी के सिक्के खरीदना फायदे का सौदा है –
मेंकिग चार्ज
जब भी सोने की ज्वैलरी खरीदती हैं तो उस पर मेकिंग चार्ज देना पड़ता है. लेकिन जब आप वही ज्वैलरी बेचने जाती हैं या एक्सचेंज करती हैं तो ये अमाउंट आपको वापस नहीं मिलता, इसलिए मेकिंग चार्ज के बोझ से बचना है तो सोने के सिक्के को ही प्रिफर करना उचित होता है. इस तरह आपको त्योहार पर ज्यादा खरीदारी के लिए और रकम भी मिल जाएगी.
कभी भी सिक्कों से बनवा लें ज्वैलरी
अगर आप सोने की ज्वैलरी को सोने के सिक्के, बिस्कुट या फिर और किसी डिजाइन में बदलवा रही हैं तो आपको इसके बदले मेंकिग चार्ज के बगैर केवल सोने की कीमत मिलेगी और आपको नए डिजाइन के बदले जो एडिशनल चार्ज देना होगा वो अलग. लेकिन अगर आपके पास सोने का सिक्का है तो आप बिना किसी नुकसान के इससे कभी भी ज्वैलरी बनवा सकती हैं.
निवेश का फायदेमंद सौदा
निवेश का मतलब ही है पैसे को प्रॉफिट कमाने के लिए लगाना. जब आप सोने की ज्वैलरी में निवेश करती हैं तो आपको उसे बेचने पर मेंकिग चार्ज का नुकसान होता है. लेकिन अगर आपने सोने का सिक्का खरीदकर निवेश किया है तो भविष्य में सोने की कीमत बढ़ने पर अगर आप उसे बेचती हैं तो आपको बिना किसी नुकसान उसी सिक्के की ज्यादा कीमत मिलती है.