दूसरे बच्चे का आगमन जहां अपने साथ ढेरों खुशियां लाता है वहीं कुछ जिम्मेदारियां भी साथ लाता है. पहले बच्चे को इस बात के लिए तैयार करना पड़ता है कि घर में नन्हे मेहमान के आने से उस की जिंदगी में क्या बदलाव होगा. माना कि छोटे भाई या बहन के आने से पहला बच्चा खुद को अकेला नहीं महसूस करेगा, लेकिन उस के साथ ही उसे अपना प्यार भी बांटना पड़ेगा, अपना समय बांटना पड़ेगा, उसे ज्यादा अटैंशन मिलेगी. इन्हीं सब बातों के लिए पहले बच्चे को तैयार करना एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी का काम होता है.
पेश हैं, कुछ अहम सुझाव जो आप को यह जिम्मेदारी बेहतर तरीके से निभाने में मददगार होंगे.
तैयारी की शुरुआत
कई बार छोटे बच्चे मानसिक रूप से इस बात के लिए तैयार नहीं होते कि अब तक पेरैंट्स का जो जरूरी अटैंशन उन्हें मिलता था उसे कोई और बांट ले. ऐसे में उसे इमोशनली डील करना पड़ता है, क्योंकि अगर उसे मानसिक रूप से तैयार नहीं किया गया तो उस के कोमल मन पर इस का गलत असर हो सकता है. उस का आना उसे अच्छा न लगे या हो सकता है स्थाई रूप से उस के मन में अपने पेरैंट्स और छोटे भाई या बहन के प्रति नाराजगी पनपने लगे. इसलिए जैसे ही आप को दूसरे बच्चे की आने की खुशखबरी मिले वैसे ही पहले बच्चे का रिश्ता उस से बनाने की शुरुआत कर दें ताकि उस के साथ उस का जुड़ाव हो, वह उस के आने से पहले उस से इमोशनली अटैच हो जाए और उस का स्वागत करे.
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