हाल ही में दिल्ली की एक घटना पर जरा गौर करें. शाहदरा के विवेक विहार इलाके में 9 साल की बच्ची से किराएदार छेड़छाड़ करता था. मासूम नासमझ बच्ची को पता ही नहीं था कि उस के साथ क्या हो रहा है. उसे बुरा लगता, मगर कुछ समझ नहीं पाती. एक दिन जब टीचर ने क्लास में गुड टच औैर बैड टच के बारे में विस्तार से बताया तो बच्ची को बात समझ में आई और फिर उस ने तुरंत अपने साथ हुई घटना की जानकारी दी. उस ने बताया कि उन के घर में किराए पर रहने वाले अंकल उसे इधरउधर छूते हैं जो उसे अच्छा नहीं लगता.
बात पुलिस तक गई. पुलिस ने बच्ची के बयान पर मामला दर्ज कर आरोपी किराएदार को गिरफ्तार कर लिया. इस तरह एक बड़ा हादसा होने से बच गया. ईस्ट दिल्ली के स्कूलों में अगस्त, 2018 से ले कर जनवरी, 2019 तक रेप और मौलेस्टेशन के 209 मामले सामने आए.
‘राष्ट्रीय अपराध रिकौर्ड ब्यूरो’ की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक बच्चों के साथ होने वाले यौन अपराध के दर्ज मामलों में 193% की वृद्धि हुई है. इन की संख्या 2012 में 33,353 से बढ़ कर 2016 में 98,344 हो गई. बच्चों के विरुद्ध होने वाले कुल 98,344 आपराधिक मामलों में अपहरण के 48,582 और बलात्कार के 18,862 मामले पाए गए.
2016 में बलात्कार की कुल 36,657 घटनाएं हुईं, जिन में से 16,000 रेप माइनर के साथ हुआ. बच्चों के साथ हुए 2,17,184 आपराधिक मामले ट्रायल पर रहे तो वहीं बच्चों के विरुद्ध हुए क्राइम के लिए केस पैंडेंसी रेट 89.5% रहा.