बॉलीवुड में हर छोटी से छोटी बात या मुद्दे पर विवाद खड़ा करना लोगों की आदत सी बन चुकी है. इसी क्रम में ‘‘दादा साहेब फालके की 148 वीं जंयती के अवसर पर ‘‘दादा साहेब फालके अकादमी’’ एक जून को मुंबई में जुहू स्थित भाईदास हॉल में एक समारोह का आयोजन कर रही है, जिसमें कुछ कलाकारों को पुरस्कृत किया जाएगा.
इस समारोह में जिन्हें पुरस्कृत किया जाना है, उनसे बात कर सब कुछ तय करने और उनके नामों की घोषणा करने का दायित्व अशोक शेखर को देते हुए उन्हें ‘‘चेयरमैन ऑफ शो कमेटी’’ का पदभार दिया गया. तब से अशोक शेखर ने समय समय पर कलाकारों के नाम की सूचना पत्रकारों को देना शुरू किया. सब कुछ ठीक ठाक चल रहा था.
मगर दो दिन पहले ‘अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त अभिनेत्री’ की नई कटेगरी में प्रियंका चोपड़ा को पुरस्कृत किए जाने की खबर आते ही मामला बिगड़ गया और एक नया विवाद खड़ा हो गया.
मजेदार बात यह है कि इस विवाद को खड़ा करने का काम ‘दादा साहेब फालके अकादमी’ की प्रचार एजेंसी ने ‘दादा साहेब फालके अकादमी’ के चेयरमैन के नाम से एक ईमेल जारी कर किया. इस प्रचार एजेंसी ने सभी पत्रकारों को लंबा चौड़ा ईमेल भेजकर कहा कि अशोक शेखर खुद को ‘दादा साहेब फालके अकादमी अवार्ड’ का चेयरमैन होने का गलत प्रचार कर रहे हैं. इस प्रचार एजेंसी ने अपने ईमेल में गणेष जैन का वक्तव्य भी भेजा है.
अपने इस वक्तव्य में गणेष जैन ने कहा है, ‘‘यह सच है कि प्रियंका चोपड़ा इस बार शुरू की गयी नई कटेगरी ‘इंटरनेशनली अक्लेम्ड एक्ट्रेस’ का पुरस्कार ग्रहण करने वाली हैं. लेकिन अशोक शेखर गलत दावा कर रहे हैं कि वह ‘दादा साहेब फालके अकादमी’ के चेयरमैन हैं. अशोक शेखर इस इवेंट के महज कंवेनर हैं.’’ इस वक्तव्य के साथ गणेष जैन ने खुद को ‘‘दादा साहेब फालके अवार्ड कमेटी’’ का चेयरमैन बताया है.
इस ईमेल के मिलने के बाद हमने अशोक शेखर से संपर्क किया, तो अशोक शेखर ने गणेष जैन को ही गलत ठहराने के साथ ही अपने पक्ष को मजबूती से पेश करने के लिए हमें ‘दादा साहब फालके अकादमी’ के महासचिव धर्मेंद्र मेहरा का पत्र देते हुए प्रचार एजेंसी व गणेष जैन को ही कटघरे में खड़ा कर दिया.
6 मई 2017 के धर्मेंद्र मेहरा के पत्र के अनुसार उन्होने अशोक शेखर को इस बार शो कमेटी का चेयरमैन नियुक्त किया है.
बहरहाल, हमसे बात करते हुए अशोक शेखर ने कहा, ‘‘कुछ पत्रकारों ने मुझसे बात कर हकीकत जाने बगैर छापा है कि मैंने खुद को गलत तरीके से ‘दादा साहेब फालके अकादमी अवार्ड’ का चेयरमैन घोषित कर रखा है. इससे मेरी मानहानि हुई है और मेरी इज्जत दांव पर लगी है. जबकि ‘दादा साहेब फालके अकादमी’ के महासचिव महेंद्र मेहरा ने स्वयं मुझे ‘दादा साहेब फालके अकादमी’ की शो कमेटी का चेयरमैन नियुक्त किया है. दो दिन पहले अखबारो में छपी खबर में लिख गया है कि अशोक शेखर, चेयरमैन अवार्ड कमेटी. दूसरे षब्दों में इसे ‘शो कमेटी’ कहते हैं. इस समारोह में जिन्हें भी पुरस्कृत करना है, उन्हें मैं ही ‘दादा साहेब फालके अकादमी’ के लेटरहेड पर चेयरमैन शो कमेटी की हैसियत से पत्र हस्ताक्षर करके दिए हैं. पर जिस तरह से मेरे खिलाफ गलत बयानबाजी की गयी है, उससे मैं आहत हूं. इसके लिए लोगों को माफी मांगनी चाहिए.’’
अपने समय के मशहूर अभिनेता चंद्रशेखर के बेटे अशोक शेखर आगे कहते हैं, ‘‘मेरी अपनी प्रतिष्ठा है. मैं 44 वर्षों से बॉलीवुड से जुड़ा हुआ हूं. मैंने कई टीवी सीरियलों का निर्माण किया. मेरी अपनी ईवेंट कंपनी है. हम देश व विदेश में सैकड़ों ईवेंट कर चुके हैं.’’
अशोक शेखर की बातों में सच्चाई है. अब गणेष जैन भी चुप हैं. यहां पर सबसे बड़ा सवाल उठता है कि ‘दादा साहेब फालके अकादमी’ से जुड़े लोगों को उनकी 148वीं जयंती मनाने के अवसर पर इस तरह के विवाद को जन्म देने की जरुरत क्यों महसूस हुई?