गरमी का मौसम हानिकारक पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने (डिटौक्स) के लिए एकदम उपयुक्त समय होता है, क्योंकि इन दिनों ताजा और्गैनिक फलों और सब्जियों की काफी उपलब्धता होती है. शरीर से हानिकारक पदार्थों को बाहर निकालना बेहद जरूरी है. कुछ फलों की मदद से अपने शरीर को साफ करने में मदद मिल सकती है. ये शरीर को स्वस्थ और तरोताजा बना सकते हैं:

– गरमी के मौसम में डिटौक्स के लिए तरबूज सब से अच्छा खा-पदार्थ है. इस से शरीर में काफी क्षारीय गुणों वाले तत्त्व बनते हैं और इस में काफी मात्रा में साइट्रोलाइन होता है. इस से आर्जिनिन बनने में मदद मिलती है, जिस से शरीर में अमोनिया एवं अन्य हानिकारक तत्त्व बाहर निकलते हैं. इस के साथ ही तरबूज पोटैशियम का भी अच्छा स्रोत है, जो हमारी डाइट में सोडियम की मात्रा को संतुलित करता है और सफाई के दौरान हमारी किडनियों को भी सपोर्ट करता है.

– नीबू लिवर के लिए बेहतरीन उत्तप्रेरक है और यह यूरिक ऐसिड और अन्य हानिकारक रसायनों को घुला देता है. यह शरीर को क्षारीय बनाता है. इस तरह से यह शरीर के पीएच को संतुलित करता है.

– शरीर से हानिकारक तत्त्वों को निकालने में खीरा भी काफी मददगार होता है. इस में पानी की काफी मात्रा होती है, जिस से मूत्र प्रणाली में गतिशीलता आती है. 1/2 कप कटे खीरे में केवल 8 कैलोरी होती है.

– अमीनो ऐसिड प्रोटीन युक्त पदार्थों में पाया जाता है. हानिकारक तत्त्वों को शरीर से निकालने की प्रक्रिया के लिए यह बहुत आवश्यक है.

– सब्जियों को भाप में पकाने या हलका फ्राई करना अच्छा विकल्प है, क्योंकि इस से पोषक तत्त्वों का क्षय नहीं होता है.

– हानिकारक तत्त्वों को शरीर से बाहर निकालने के लिए कुछ हलकेफुलके व्यायाम करें. डिटौक्सिंग के दौरान यह जरूरी है कि आप अलकोहल और कैफीन से दूर रहें.

– पुदीने की पत्तियां गरमी में ठंडक का एहसास देती हैं. ये खाने को ज्यादा प्रभावी तरीके से पचाने में मदद करती हैं और लिवर, पित्ताशय और छोटी आंत से पित्त के प्रवाह में सुधार लाती हैं व आहार वसा को विघटित करती हैं.

– पोलिफेनोल्स युक्त हरी चाय का खूब सेवन करें, क्योंकि यह शक्तिशाली ऐंटीऔक्सिडैंट का काम करती है.

– कैफीन से दूर रहें, क्योंकि यह शरीर को पोषक तत्त्वों को अवशोषित करने में अड़चन खड़ी करती है. शराब का सेवन न करें, क्योंकि यह रक्तप्रवाह में आसानी से अवशोषित होती है और शरीर के हर हिस्से को प्रभावित करती है.

– खूब पानी पीएं. पुरुषों को प्रतिदिन कम से कम 3 लिटर और महिलाओं को करीब 2.2 लिटर पानी पीना चाहिए. पानी महत्त्वपूर्ण अंगों से हानिकारक तत्त्वों को बाहर निकालता है और पोषक तत्त्वों को कोशिकाओं तक पहुंचाता है.

– अपने आहार में फाइबरयुक्त भोजन की मात्रा बढ़ाएं. फाइबरयुक्त आहार प्रतिरोधक प्रणाली के नियमन में अहम भूमिका निभाता है. इस की वजह से कार्डियोवैस्क्यूलर बीमारी, मधुमेह, कैंसर और मोटापे का खतरा कम होता है.

– तय मात्रा में लेकिन नियमित तौर पर दूध का सेवन करें. दूध में पोषक तत्त्वों की प्रचुरता होती है, जो हड्डियों के लिए खासतौर पर जरूरी हैं. यह हमारे शरीर से अशुद्ध चीजों को बाहर निकालने के दौरान शरीर को मजबूत बनाता है.

– प्रतिदिन सुबह गरम पानी में नीबू और शहद मिला कर पीएं. यह पाचनतंत्र को सक्रिय करता है और कब्ज से दूर रखने में मदद करता है.

– विटामिंस महत्त्वपूर्ण पोषक हैं, जिन का शरीर अपनेआप पर्याप्त मात्रा में उत्पादन नहीं कर सकता. इसलिए आहार में विटामिंस संतुलित मात्रा में होने जरूरी हैं.

शरीर से हानिकारक तत्त्वों को निकालने में सोने की भी अहम भूमिका होती है. जब हम एक बच्चे की तरह सोते हैं तो सभी कोशिकाओं और ऊतकों में समुचित औक्सीजन का संचार होता है. औक्सीजन की उपलब्धता सभी आवश्यक अंगों को अच्छी तरह चलाने में मदद करती है. यह त्वचा को कोमल एवं आंखों को चमकदार बनाती है.

– सोनिया नारंग, पोषण विशेषज्ञा, ओरिफ्लेम इंडिया

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