हर सुबह की तरह आज की सुबह भी रोमा के लिए काफी हड़बड़ाहट भरी थी. पति, दोनों बच्चों, सास-ससुर और खुद के लिए नाश्ता तैयार करने से ले कर सभी का लंच पैक करने में रोमा के रसोई से डाइनिंग टेबल तक लगभग 20-25 चक्कर लग चुके थे. जल्दबाजी में कई बार उस के कदम लड़खड़ाए मगर उस ने खुद को संभाल लिया. घर के काम के साथ ही ऑफिस टाइम पर पहुंचने का प्रैशर उसे बार-बार रसोई का काम जल्दी निबटाने के लिए उकसा रहा था. जल्दबाजी में कब उस का हाथ गैस पर चढ़े गरम पतीले से छू गया उसे पता ही नहीं चला. उस के हाथ में छाले पड़ गए. ऑफिस तो क्या अब हफ्ते भर घर के काम करना भी उस के लिए मुश्किल हो गया था.

रोमा की तरह ऐसी कई महिलाएं हैं, जो आए दिन रसोई में हुई किसी न किसी दुर्घटना का शिकार हो जाती हैं. हाल ही में घरेलू दुर्घटनाओं पर हुआ एक अध्ययन भी इसी ओर इशारा करता है. अध्ययन के मुताबिक 46% घरेलू घटनाएं सुबह के वक्त होती हैं, जिन में 66% महिलाएं ही घायल होती हैं. अध्ययन में इस बात का भी जिक्र है कि अधिकतर दुर्घटनाएं रसोई का काम करने के दौरान ही होती हैं. दरअसल, रसोई का काम पुरुषों की अपेक्षा महिलाएं अधिक करती हैं. लिहाजा, रसोई से जुड़ी दुर्घटनाओं का शिकार भी महिलाएं ही अधिक होती हैं.

इस तरह की दुर्घटनाओं से बचने के लिए पेश हैं, कुछ सुझाव:

रसोई की साफ-सफाई टाल सकती है हादसा

यदि किचन साफ-सुथरा है, तो कई बड़े हादसे टल सकते हैं. उदाहरण के तौर पर चिमनी की सफाई को ही लिया जा सकता है. दरअसल, चिमनी में बहुत जल्दी चिकनाई जम जाती है और समय-समय पर यदि इसे साफ न किया जाए, तो यही चिकनाई आग पकड़ कर बड़े हादसे का कारण बन सकती है.

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