रेटिंगः दो स्टार
कलाकारः तापसी पन्नू,विनोदिनी वैद्यनाथन,अनीस कुरूविला व अन्य.
निर्माताः एस शशीकांत चक्रवर्ती और राम चंद्रन
निर्देशकः अश्विन सरवनन
लेखकः अश्विन सरवनन,काव राम कुमार,वेंकट कचारिया व श्रुति मदान
कैमरामैनः ए.वसंत
संगीतकारः रौन एथन योहन
अवधिः एक घंटा 42 मिनट
एक लड़की के किसी हादसे का शिकार हो जाने के बाद उसका परिवार व समाज उसके साथ सहानुभूति या हमदर्दी व्यक्त करने की बजाय उसी पर दोषारोपण करते हुए उसकी गलतियां गिनाने से बाज नही आते हैं. आए दिन लोग लड़की को ताना देते रहते हैं. दक्षिण के फिल्मकार अश्विन सरवनन इस मूल मुद्दे के साथ ही अंधेरे के डर से निजात पाने की बात करने वाली एक मनोवैज्ञानिक रोमांचक फिल्म ‘गेम ओवर’ लेकर आए हैं. तमिल व तेलगू भाषा में बनायी गयी इस फिल्म को तमिल व तेलगू के साथ ही हिंदी में डब करके प्रदर्शित किया गया है.मगर वह फिल्म की विषयवस्तु के साथ न्याय करने में असफल रहे हैं.
कहानीः
फिल्म शुरू होती है गुड़गांव के सेक्टर 101 में रहने वाली एक कामकाजी लड़की के कत्ल के साथ.कातिल लड़की की हत्या करने के बाद उसके सिर को फुटबाल की तरह उछालने के बाद उसके धड़ को आग के हवाले कर देता है. इस डरावने दृश्य के बाद कहानी एक साल बाद गुड़गॉंव में ही रह रही पेश से वीडियो गेम डेवलपर सपना (तापसी पन्नू)से,जो कि अपनी घर की नौकरानी कलाअम्मा (विनोदिनी वैद्यनाथन)के साथ एक बड़े और आलीशान बंगले में रहती है. अनवर नामक एक चैकीदार भी है.उसके माता पिता दक्षिण भारत में कहीं रहते हैं. सपना खुद भी वीडियो गेम की दीवानी है.मगर वह नए वर्ष के जश्न की रात और अंधेरे के डर जैसी ऐसी मानसिक बीमारी से गुजर रही है,जहां अतीत में उसके साथ हुए हादसे की तारीख नजदीक के साथ ही उसका दम घुटने लगता है. उसे जबरदस्त डर को लेकर अटैक आते हैं. जिसके लिए वह एक मनोवैज्ञानिक डाक्टर (अनीस कुरूविला) से इलाज भी करवा रही है. पता चलता है कि एक साल पहले नए साल के जश्न मनाने वाली रात सपना के साथ जो हादसा घटा था, उस रात वह अपने हाथ की कलाई पर टैटू करवा कर लौट रही थी.