कंचन...
मेरे पापा.....
मेरे हर कदम को अपने हाथों से थाम लिया
मेरी आंखों से गिरने वाले हर एक आंसू को अपने नाम किया
दुनिया का सबसे मजबूत रिश्ता होता है वो
इस धरती में पिता कहते हैं जिनको
मेरी हर जरूरत को पूरा किया मेरे कहने से पहले,
मेरी हर तकलीफ को दूर किया मुझ तक आने से पहले,
मेरी सफलता के लिए हमेशा ढाल बनकर खड़े रहे
फिर भी मेरी हर जीत को सिर्फ मेरा नाम दिया
इस दुनिया में रिश्ते तो कई होते हैं
मगर पिता रिश्ता का सबसे अनमोल कहलाता है
जो जीता है सिर्फ अपने बच्चों की ख़ुशी के लिए
और उनकी ख्वाहिशों को पूरा करने में बूढ़ा हो जाता है.....
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