आज हम बात करेंगे उस रिश्ते की जो काफी नाजुक होता है. ऐसा रिश्ता जिसमें समझदारी होना बहुत आवश्यक है...वो रिश्ता है देवरानी और जेठानी का....ये रिश्ता बिल्कुल वैसा ही है जैसा सब्जी में नमक और मिर्च का होता है. इस रिश्ते को निभाना उतना भी आसान नहीं है क्योंकि जब दो अलग-अलग परिवार की लड़की एक ही जगह पर आकर बहू बनती है और उनके बीच देवरानी और जेठानी का रिश्ता बनता है तो अलग-अलग महौल की इन बहुओं को एक साथ ,सामंजस्य बिठाना मुश्किल होता है.
आज लगभग हर धारावाहिकों में इन रिश्तों में मिर्च-मसाला लगाया जाता है और दर्शक यही देखकर काफी इन्जौय भी करते हैं.जेठानी और देवरानी एक दूसरे के खिलाफ साजिशें रचती नजर आती हैं तो कभी एक-दूसरे को नीचा दिखाने में लगी रहती हैं. कभी दोनों में गहनों को लेकर भेदभाव होता है ,तो कभी घर की जिम्मेदारी को लेकर और सबसे ज्यादा तो ये देखकर जलन होती है कि अरे उसके पास मुझसे अच्छी साड़ी कैसे......हालांकि ये तो हुई धारावाहिकों की बात. असल जिंदगी ऐसी नहीं है लेकिन काफी हद तक इससे मिलती है.
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जब एक लड़की शादी करके नए घर में जाती है तो काफी घबराई हुई होती है कि पता नहीं कैसे वो सारे रिश्ते निभाएगी और पता नहीं कैसा परिवार मिलेगा. पता नहीं सास कैसी होंगी,और सबसे ज्यादा तो इस बात से घबराई हुई होतीं हैं कि पता नहीं ननद और जेठानी कैसी होंगी और जेठानी भी सोचती है की देवरानी पता नहीं कैसी होगी?ये सारे सवाल का जवाब तब मिलता है जब वो लड़की उस घर में कुछ दिन बिता लेती है. अगर देवरानी और जेठानी शुरू से ही अपने रिश्ते को अच्छ से निभाती हैं, एक-दूसरे के साथ समन्वय और सामंजस्य बिठा कर चलती हैं तो रिश्ते में खटास नहीं होती है बल्कि मजबूत रिश्ता बनता है.