अपनी सुरीली आवाज से करोड़ों के दिल पर छाने वाली गायिका अलका याग्निक से कोई अपरिचित नहीं. उन्होंने अपनी दिलकश आवाज से उन्होंने बौलीवुड में 30 साल बिताये हैं और अभी भी उन्हें लगता है कि वह इस इंडस्ट्री के लिए नई हैं. उन्हें सुरों की इस दुनिया में लाने वाली उनकी मां शुभा याग्निक हैं, जिन्हें अपनी बेटी को एक प्ले बैक सिंगर के रूप में देखना एक सपना था. अलका ने करीब 600 फिल्मों में 20 हज़ार गाने गाये हैं. कैसे समय बीत गया, अलका को पता नहीं, आज उनकी मां शय्याग्रस्त है, पर उनका आशीर्वाद उनके साथ हमेशा रहता है. वह अभी भी संगीत की रियाज करती हैं. इस बार वह सोनी टीवी पर रियलिटी शो ‘सुपरस्टार सिंगर’ में जज बनी हैं. अपनी जर्नी और बदलते हुए संगीत की दुनिया के बारें में आइये जाने उन्हीं से.

सवाल- इस शो में आने की खास वजह क्या है?

इस शो में आने की खास वजह म्यूजिकल बच्चों का होना है और मुझे उन्हें गाइड करना और जज बनना पसंद है. मैंने अधिकतर उन्ही शो में भाग लिया है, जिसमें बच्चे हैं, क्योंकि उन्हें मोल्ड करना आसान होता है. प्रतिभावान बच्चे को देखने से मुझे खुशी मिलती है.

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सवाल- बच्चे बहुत इमोशनल होते है और उन्हें रिजेक्ट करने पर वे कई बार रोने भी लगते है, ऐसे में आपकी सोच उन बच्चों के लिए कैसी रहती है?

ये सही है. उन्हें रिजेक्शन बहुत सीरियस लगती है, लेकिन मैं हमेशा ये बताती हूं कि ये आपकी जर्नी की शुरुआत है. उन्हें बहुत की सावधानी से बताना पड़ता है, ताकि उन्हें दुःख न पहुंचे. उन्हें सही एडवाइस मीठे शब्दों में कहने की जरुरत होती है. वह भी एक कला है. मुझे बच्चों से बहुत प्यार है.

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