पाकिस्तान के हाल खराब हैं पर इतने भी नहीं कि हम खुशी से फूले रहें. मलाला युसुफजई को नोबल पुरस्कार मिला तो सारे पाकिस्तानी फूले नहीं समाए. यानी वहां ऐसे लोगों की कमी नहीं है, जो देश में अमन चैन और आधुनिकता लाने के लिए अपना चेहरा दिखाने से नहीं डरते. तालिबानी थोड़े ही हैं पर खूंख्वार हैं, बस.

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