हालिया प्रदर्शित फिल्म ‘‘मुन्ना माइकल’’ से अभिनय के क्षेत्र में कदम रखने वाली बेंगलुरु निवासी गैर फिल्मी परिवार की निधि अग्रवाल अचानक सूर्खियों में आ गयीं थी. उन्हें उम्मीद थी कि इस फिल्म के बाद वह स्टार बन जाएंगी. मगर बाक्स आफिस पर इस फिल्म के असफल होने से ऐसा नहीं हो पाया. पर वह निराश नहीं हैं. प्रस्तुत है उनसे हुई बातचीत के अंश.

अभिनय की तरफ कैसे मुड़ना हुआ?

मैं बेंगलुरु की रहने वाली हूं. मैंने मार्केटिंग में बीबीएम किया है. इसके अलावा 4 माह तक फैशन का कोर्स किया. फिर छोड़कर माडलिंग व रैम्प शो करने लगी थी. मेरे पिता का टायर का व्यापार है. बचपन से ही मुझे अभिनेत्री बनना था. जबकि घर का माहौल व्यापार का रहा है. इसलिए पढ़ाई पूरी करने के बाद कुछ समय मैंने व्यापार भी किया. लेकिन मुझे लगा कि मैं यह सब क्यों कर रही हूं. वास्तव में हम सभी मध्यमवर्गीय व साधारण परिवार के लोग हैं. हमारे अपने सपने होते हैं. पर हमें पता नहीं होता कि हम अपने सपनों को कैसे पूरा करें.

मुझे अभिनेत्री बनना था, लेकिन मुझे पता नहीं था कि मैं किस तरह से आगे बढूं, कैसे इस क्षेत्र में आउं. कई बार हमें लगता था कि मुंबई बहुत दूर है. मुंबई में बहुत संघर्ष है. मेरा कोई परिचित भी नहीं है. तो कैसे क्या होगा. कई बार लगा कि मैं अभिनेत्री नहीं बन पाउंगी. फिर मेरा आत्म विश्वास कहता कि मैं अभिनेत्री बन सकती हूं. सच कहूं तो अभिनेत्री बनने की राह तलाशने के बीच मैंने कई तरह के कोर्स करते हुए सिर्फ समय को भरा है.

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