इस स्वतंत्रता दिवस अपने परिवार और दोस्तों के साथ आप खास जगहों की यात्रा के लिए जा सकती हैं, जहां पहुंचकर आप देशभक्ति के रंग में सरोबर हो जाएंगी. तो जानिए कौन-कौन सी हैं वो जगह जहां आप स्वतंत्रता दिवस मना सकती हैं.

लाल किला

स्वतंत्रता दिवस का जश्न मनाने के लिए दिल्ली के लाल किले से अच्छी जगह और क्या होगी. सबसे पहले यहां सुबह-सुबह तिरंगा झंडा फहराया जाता है. शहीदों को सत्-सत् नमन कर अन्य रंग बिरंगे कार्यक्रमों का आयोजन होता है. स्कूल के छोटे-छोटे बच्चों द्वारा पेश किए जाने वाले देशभक्ति कार्यक्रम सबसे ज़्यादा दर्शकों का मान मोहते हैं.

इंडिया गेट

इंडिया गेट का नाम सुनते ही अलग से रूह में देशभक्ति की भावना उमड़ पड़ती है. यहां स्थित अमर जवान ज्योति, जो भारतीय सैनिकों का मंदिर है लोगों में देश प्रेम की भावना को और बढ़ा देती है. आपको कई देशभक्ति फिल्मों में इंडिया गेट के नजारे देखने को जरूर मिलेंगे. रंग दे बसंती का वो सीन तो आप सबको याद ही होगा जब सारे दोस्त इंडिया गेट से गुज़रते हुए इंडिया गेट को सलामी देते जाते हैं.

राज घाट

यमुना नदी के किनारे स्थित राज घाट, महात्मा गांधी के यादों का स्मारक है. इसके साथ ही जवाहर लाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री के स्मारक भी विजय घाट के नाम से स्थित हैं. हर साल यहां आजादी के दिन इन महान व्यक्तियों को याद कर श्रद्धांजलि दी जाती है.

वाघा बार्डर

वाघा बार्डर, पाकिस्तान और भारत के बीच की इकलौती सड़क सीमा है, जहां हर साल 15 अगस्त के दिन लोगों का हुजूम उमड़ता है यहां के कार्यक्रमों में हिस्सा लेने के लिए. दोनो देश इसी सीमा पर एक दूसरे को आजादी की बधाई देते हैं. देशभक्ति गीतों पर लोग नाचते गाते मौज मानते हैं. इस दिन यहां लोगों का जोश देखने लायक होता है.

जलियांवाला बाग

जलियांवाला नरसंहार भारत का सबसे बड़ा और दुखद नरसंहार था, जिसे पूरा देश कभी नहीं भूल सकता. 13 अप्रेल 1919 बैसाखी वाले दिन ही अमृतसर शहर के जलियांवाला बाग में रोलेट एक्ट का विरोध करने के लिए एक सभा हो रही थी, जिसमें अंग्रेजी आफिसर जनरल डायर ने गोलियां चलवा दीं. इस क्रूर हत्याकांड के निशान अब भी वहां मौजूद हैं.

अल्फ्रेड पार्क

अल्फ्रेड पार्क जिसे कंपनी गार्डेन के नाम से भी जाना जाता है, वही जगह है जहां चंद्रशेखर आजाद  ने देश के लिए लड़ाई लड़ते हुए अपनी जान गंवाई थी. इसे चंद्र शेखर आजाद पार्क के नाम से भी जाना जाता है. इलाहाबाद का यह सबसे बड़ा पार्क है जहां चंद्रशेखर आजाद का स्मारक स्थापित है.

साबरमती आश्रम

गुजरात के अहमदाबाद शहर में साबरमती नदी के किनारे स्थित साबरमती आश्रम का भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में एक महत्वपूर्ण भूमिका है. सत्याग्रह आंदोलन और दांडी मार्च की शुरुआत यहीं से हुई थी.

झांसी का किला

झांसी का किला जहां से झांसी की रानी हमारे देश की सबसे वीर महिला ने देश की आजादी के लिए लड़ाई आरंभ की थी. आज भी हर साल झांसी का महोत्सव इसे किले में ही मनाया जाता है.

बैरकपोर बाग

बैरकपोर बाग, पश्चिम बंगाल में स्थित बाग है जिसे मंगल पांडे बाग के नाम से भी जाना जाता है. इस बाग में अंग्रेजों का विरोध करने वाले कई भारतीय सैनिकों को सन् 1857 में फांसी के फंदे पर लटका दिया गया था.

नेताजी भवन

पश्चिम बंगाल के कोलकाता में स्थित नेताजी भवन, एक स्मारक सभागार और संग्रहालय है, जहां नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी को उनके ही घर में बंदी बनाकर रखा गया था.

तिहाड़ जेल

तिहाड़ जेल अंडमान निकोबार के पोर्ट ब्लेर में स्थित अंग्रेजी शासकों का जेल है, जहां देश की आजादी के लिए लड़ने वाले देशभक्तों को कैदी बना कर रखा गया था. यहां उन्हें कई जटिल यातनाओं का सामना करना पड़ा था.

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