आज के समय में शिक्षा बहुत महंगी हो गई है. ऐसे में एजुकेशन लोन ले कर भी शिक्षा पूरी की जा सकती है. इस से पेरैंटस पर शिक्षा बोझ नहीं बनती और शिक्षा ले रहे बच्चों को भी इस बात का एहसास होता है कि वे मेहनत से पढ़ाई करें क्योंकि उसे पढ़ाई के बाद नौकरी कर के इस को चुकाना होता है.
आमतौर पर मांबाप अपने जीवनभर की कमाई बच्चों की शिक्षा में लगा देते हैं. बुढ़ापे में अगर बच्चे साथ नहीं देते तो वे दोहरी मुसीबत में फंस जाते हैं. एजुकेशन लोन के जरिए इस परेशानी को सरलता से सुलझाया जा सकता है. इस से बच्चों की शिक्षा को ले कर पेरैंटस पर अनावश्यक दबाव नहीं पड़ता है. अब अलगअलग तरह की पढ़ाई के लिए लोन मिलने लगे हैं. बैंक अब आसानी से लोन देने लगे हैं. लोन लेने से पहले जरूरी है कि उस से जुडे़ विषयों को समझ लिया जाए.
बैंक एजुकेशन लोन देने से पहले उस की वापसी यानी रिपेमैंट सुनिश्चित करता है. आमतौर पर लोन उसे ही दिया जाता है, जो इसे वापस करने की क्षमता रखता है. रिपेमैंट लोन लेने वाले स्टूडैंट के अभिभावक कर सकते हैं या फिर लोन लेने वाला स्वयं पढ़ाई खत्म करने के बाद रिपेमैंट कर सकता है. लोन लेने के लिए गारंटर की जरूरत पड़ती है. गारंटर लोन लेने वाले का अभिभावक या फिर रिश्तेदार हो सकते हैं. बैंक किसी भी कोर्स के लिए होने वाले खर्चों की पूर्ति करने के लिए वित्तीय मदद मुहैया कराता है. एजुकेशन लोन के दायरे में देश और विदेश में पढ़ाए जाने वाले कोर्स शामिल होते हैं. आप चाहें तो किसी के लिए भी बैंक से लोन ले सकते हैं.