उत्तरी इटली की वेनेट्यन लगून्स में स्थित पोवेग्लिया आइलैंड को मौत के आइलैंड के नाम से जाना जाता है. इस आइलैंड के बारे में कहा जाता है कि जो भी इस आइलैंड पर जाता है वापस लौट के नही आता है. यह आइलैंड इतना खतरनाक है कि सरकार ने यहां लोगों के आने पर बैन लगा दिया है. जब पोवेग्लिया आइसलैंड की खोज हुई तो सभी यहां की मिट्टी की सच्‍चाई जानकर चौंक गए थे. इस आइसलैंड की 50 प्रतिशत मिट्टी मानव अस्थियों से बनी हुई है.

पोवेग्लिया एक छोटा सा आइलैंड है जो वेनिस और लीडो की बीच में बसा हुआ है. ये वेनीसिया झील के नौर्थ में बसा हुआ है. जो इटली की एक प्रसिद्ध झील है. कहा जाता है इस आइलैंड पर जो भी गया वो कभी लौट कर वापस नहीं आया. 17 एकड़ में फैले इस आइलैंड के चारोत रखता है.

यहां पर प्लेग के मरीजों को मरने के लिए छोड़ दिया जाता था. इस आइलैंड पर 1 लाख 60 हजार लोगों को उनके अंतिम समय पर यहां छोड़ा गया था. यहां पर मरीजों को मौत से पहले रूह कंपा देने वाला टौर्चर दिया जाता था. ऐसे में जो लोग मर जाते थे उन्हें यहीं पर दफना दिया जाता था.

जब यहां मरीजों की संख्या बढ़ गई तो करीब लगभग 1 लाख 60 हजार बीमार लोगों को यहां जिंदा जला दिया गया. इसके बाद ये आइलैंड पूरी तरह से वीरान हो गया. इस आईलैंड पर 1992 में एक मेंटल अस्पताल बनाया गया. लेकिन कुछ समय बाद यहां के मरीजों को प्लेग के मरीजों के भूत दिखाई देने लगे और फिर यह अस्पताल भी बंद कर दिया गया, इसके बाद से ये आइलैंड वापस वीरान हो गया.

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