आजकल सैक्स के मामले में बढ़ती आजादी और 1 से ज्यादा पार्टनर की वजह से कई यौन संबंधी बीमारियां होने का डर रहता है. यौन परेशानियों को जल्द से जल्द पहचान कर डाक्टर के पास जाना आवश्यक हो जाता है. ऐसा न करने पर बांझपन जैसी बड़ी परेशानी का भी सामना करना पड़ सकता है.

पेल्विक इनफ्लैमेटरी डिजीज (पीआईडी)

यह ज्यादातर असुरक्षित संबंधों के कारण फैलने वाली बीमारी है. यह मैट्रो शहरों में चुपकेचुपके महिलाओं की इन्फर्टिलिटी का एक बड़ा कारण बन रही है. इस की चपेट में 15 से 24 साल तक की लड़कियां ज्यादा आ रही हैं. पश्चिमी देशों के मुकाबले भारत में हालांकि अभी इस का प्रसार कम है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि इस पर लगाम नहीं लगाई तो यह आने वाले समय में बड़ी दिक्कत में तब्दील हो सकती है. इस का असर नई पीढ़ी के मां बनने पर पड़ सकता है.

डा. अनुभा सिंह का कहना है कि यह एक हारमोनल डिसऔर्डर है. इस की सब से बड़ी पहचान है कि इस से अचानक वजन बढ़ने लगता है. माहवारी अनियमित हो जाती है. मुंहासों की समस्या और गंजापन भी हो सकता है. बच्चे पैदा करने की उम्र में लगभग 1 से 10 महिलाओं में यह समस्या देखने को मिलती है. फैलोपियन ट्यूब्स और प्रजनन से जुड़े अन्य अंगों में भी इस से सूजन आ सकती है. समय पर इलाज न कराने पर इस का नतीजा इनफर्टिलिटी के रूप में सामने आ सकता है.

यह बीमारी क्लैमाइडिया ट्रैकोमाइटिस नाम के बैक्टीरिया के कारण होती है. बड़े शहरों में सैक्स के मामलों में बढ़ती आजादी और 1 से ज्यादा पार्टनर इस के फैलने की सब से बड़ी वजह हैं. इस के अलावा साफसफाई का ध्यान न रखने, शराब या स्मोकिंग के कारण इम्यून सिस्टम के कमजोर पड़ने से भी इस का बैक्टीरिया महिलाओं को अपना निशाना बना सकता है.

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