अगर हम दुनिया के कुछ चुनिंदा पर्यटन स्थलों की बात करें या फिर इतिहास के नजरिये से अगर हम इनकी बात करें तो एक नाम जरूर आएगा म्यांमार का, जिसने अपनी संस्कृति और अपने इतिहास को संभाले रखा है. म्यांमार भारत के पूर्व में स्थित एक छोटा सा देश है. यहां सालभर पर्यटकों का तांता लगा रहता है. दुनिया के अलग अलग हिस्सों से सालभर यहां लाखों सैलानी आते हैं. सुकून पसंद लोग यहां आना जरूर पसंद करेंगे. यहां भारतीय इतिहास से जुड़ी ऐसी कई जगहें हैं जिसे आपने कभी नहीं देखा होगा. आईये जानते हैं कुछ इस देश के बारे में.

यांगून शहर

यांगून शहर को अगर  हम भारत के मुंबई से तुलना करें, तो कोई अजीब बात नहीं होगी, क्योंकि यांगून शहर भारत के मुंबई जैसी चहल पहल से भरपूर है. इस शहर का सबसे बड़ा आकर्षण श्वेदागोन पगोडा है, जो म्यांमार एक 99 मीटर ऊंचा सोने से ढका हुआ पगोडा और स्तूप है. यह कन्डोजी झील से पश्चिम में सिन्गुटरा पहाड़ी पर स्थित है और पूरे यांगून शहर से ऊंचाई पर है. ये इस देश के सर्वाधिक पवित्र बौद्ध स्मारकों में से एक है. इस भव्‍य स्‍मारक के सोने के स्तूप पर हीरे तथा कई तरह के माणिक्य जड़े हुए हैं. यह बर्मा का सब से महत्वपूर्ण और शुभ पगोडा माना जाता है और इसमें पिछले पांच बुद्धों की कुछ यादगारें मौजूद हैं जैसे काकूसंध की छड़ी, कोणगमन की पानी की छन्नी, कश्यप के वस्त्र का एक अंश और गौतम बुद्ध के बालों के आठ रेशे. इस शहर में कई बड़े-बड़े बाग बगीचे होने के कारण इसे गार्डन सिटी औफ ईस्ट भी कहा जाता है. यांगून में ही विश्व प्रसिद्ध गोल्डन पगोडा है.

बहादुर शाह जफर की मजार

भारत के अंतिम मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर की मजार म्यांमार के यांगून में ही है. बहादुर शाह जफर की मौत साल 1862 में 89 साल की उम्र में हुई थी और उन्हें ब्रिटिश हुकूमत ने म्यांमार के सबसे बड़े शहर यंगून में ही दफना दिया था.

बागान शहर

बागान म्यांमार में स्थित एक प्राचीन शहर है. यहां पर घास के विशाल मैदान हैं जहां बौद्धों के शानदार मठ हैं. यहां के भव्य स्मारक म्यांमार के शासकों की धर्मनिष्ठता का प्रमाण हैं. यहां अनेक पगोडे यानि बौद्ध स्‍तूप हैं. 

इनले झील

म्‍यांमार में इनले झील भी एक प्रमुख आकर्षण है. खूबसूरत पहाड़ियों के बीच यह विशाल ताजे पानी की झील चावल के खेतों से घिरी है. इस झील की एक खासियत पैरों से नौकाएं खेने वाले मछुआरे हैं. इसके लिए वे एक विशेष चप्पू का प्रयोग करते हैं जिसे अपनी एक टांग से धक्का देकर वे नाव को आगे बढ़ाते हैं. इनले झील अपने तैरते द्वीपों पर बाग बगीचों और तैरते गांवों के लिए जानी जाती है. यहां के रंगबिरंगे तैरते बाजार आकर्षण का केन्द्र हैं.

ताऊंगकालत मठ

पोपा पर्वत के पास ही एक और पहाड़ पर पोपा ताऊंगकालत मठ है. ऊंचाई पर बने इस अद्भुत मठ से चारों ओर के मैदानों का प्रकृति का शानदार नजारा दिखाई देता है. यहां पहुंचने के लिए 777 सीढ़ियां चढ़ कर जाना होता है.

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