रेटिंगः दो स्टार

निर्माताःआदित्य चोपड़ा

निर्देशकःसिद्धार्थ आनंद

कलाकारः रितिक रोशन, टाइगर श्रौफ, वाणी कपूर, आशुतोष राणा, दीपानिता शर्मा,अनुप्रिया गोएंका

अवधिः दो घंटे 34 मिनट

‘‘बैंग बैंग’’जैसी सफल फिल्म देने के बाद बतौर लेखक व निर्देशक सिद्धार्थ आनंद पूरे पांच वर्ष के अंतराल के बाद एक्शन रोमांचक फिल्म ‘‘वार’’लेकर आए है, मगर इस फिल्म से वह निराश ज्यादा करते हैं.

कहानीः

कभी देशभक्त रहे भारतीय जासूस कबीर (रितिक रोशन ) जब गद्दर बन जाते हैं, तो रक्षा मंत्री का आदेश होता है कि कबीर को खत्म कर दिया जाए, तब कबीर को खत्म करने की जिम्मेदारी कर्नल लूथरा (आशुतोष राणा) कभी कबीर के शिष्य रहे खालिद (टाइगर श्रौफ) को देते हैं. खालिद को बेहतरीन जासूस बनाने वाले कबीर ही थे. अब शुरू होता है गुरू और शिष्य के बीच चूहे बिल्ली वाला युद्ध.कहानी वर्तमान से दो साल पहले जाती है और तब खालिद के पिता मेजर रहमानी की कहानी के साथ कबीर के सफल कारनामे सामने आते हैं. देश के दुश्मन रिजवान इलियासी को पकड़ने की मुहीम के दौरान अचानक कबीर गद्दार हो जाते हैं और वह नायडू की हत्या कर देते हैं, इससे रक्षा मंत्री नाराज होती हैं. फिर कहानी वर्तान मे चलती है. इंटरवल के बाद कहानी एक बार फिर छह माह पीछे जाती हैं और तब डांसर नैना (वाणी कपूर)का आगमन होता है.पर नैना की मौत के साथ अतीत गायब और फिर कहानी वर्तमान में लौट आती है.

लेखन व निर्देशनः

रितिक रोशन और टाइगर श्राफ के प्रशसंक इस बात से खुश हो सकते हैं कि वह इस फिल्म में दोनों को एक साथ लड़ते और एक साथ नृत्य करते देख सकते हैं. शुक्र है कि वह एक ही लड़की के साथ प्यार में नहीं पड़ते हैं.कथानक के स्तर पर अति कमजेार फिल्म है.अन्यथा कहानी में कोई नयापन नही है. वैसे भी सिद्धार्थ आनंद से मौलिक कहानी की अपेक्षा नही की जा सकती.
फिल्म का एक भी दृश्य तकसंगत नही है. मगर अफसोस यह ‘यशराज फिल्मस’की बेहतरीन फ्रेंचाइजी नही बन पाएगी. क्योकि इसके प्लौट में विखराव बहुत है. कहानी में कोई नयापन नही है.
तमाम एक्शन दृश्य महज स्टंट लगते है. हेलिकौप्टरों से कूदना, तेज कार और मोटरबाइक रेस सहित सारे मसाले डाले गए हैं.
फिल्म को काफी हद तक कैमरामैन बेंजामिन जस्पर के कैमरे के कमाल ने संभाला है.
फिल्म की कहानी के साथ गानों का कोई तालमेल ही नही है. फिल्म शुरू होने के चंद मिनटों बाद ही अचानक गंभीर दृश्य के बीच पहला गाना आता है तो समझ में ही नही आता कि यहां यह गाना क्यों हैं?

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