महिलाओं और लड़कियों के लिए प्रत्येक महीने 4 -5 दिन काफी थकावट वाला और दर्द भरा होता है. यह वक्त है जब उन्हें पीरियड्स के दर्द से जूझना पड़ता है. लेकिन इस का मतलब यह नहीं है कि तकलीफ की वजह से आप उन दिनों खुद की देखभाल करना छोड़ दें. बल्कि उन दिनों आप के प्राइवेट पार्ट्स को ज़्यादा देखभाल की जरुरत होती है. आइये जानते हैं इंटरनेशनल फर्टिलिटी सेंटर की डॉ. रीता बक्शी से कि पीरियड्स के दिनों में साफ-सफाई क्यों जरुरी है और कैसे रखी जा सकती है-

1. यूरिन इन्फेक्शन्स

पीरियड्स के दौरान खुद को साफ न रखना बहुत सारे बैक्टीरियाज को आमंत्रित करता है जो आगे चल कर यूरिन इन्फेक्शन्स की वजह बन सकते हैं. इस से पेट के निचले हिस्से में दर्द के साथ किडनी भी प्रभावित हो सकती है.

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2. रैशज

यह एक बहुत ही आम समस्या है और लगभग हर दूसरी महिला ने कभी न कभी इस का अनुभव किया है. पीरियड्स के दौरान होने वाले रैशेज का मुख्य कारण सैनिटरी नैपकिन को बारबार बदलना नहीं है. आधुनिक समय के नैपकिन बनाने में कंपनियां अच्छी मात्रा में प्लास्टिक और अन्य सामग्री का उपयोग करते हैं जो आप की स्किन के लिए अनुकूल नहीं है. इस के अलावा 4-6 घंटे से अधिक के लिए एक नैपकिन का उपयोग करने से रक्त उस के आसपास के संक्रमण का कारण बन सकता है जिस से स्किन पर चकत्ते और जलन होती है.

3. सफेद डिस्चार्ज

प्राइवेट पार्ट्स से व्हाइट डिस्चार्ज हर बार अस्वस्थ परिस्थितियों की ओर इशारा नहीं करता है. लेकिन पीरियड्स के दौरान अस्वच्छता आप की योनि में बैक्टीरिया का कारण बन सकती है और परिणामस्वरूप सफेद डिस्चार्ज हो सकता है. इस लिए ज़रूरी है कि इस हिस्से को पीरियड्स के दौरान साफ़ और स्वच्छ रखें.

4. बांझपन की संभावना

पीरियड्स के दौरान अशुद्ध कपड़ों का उपयोग करना या लंबे समय तक एक ही सैनिटरी नैपकिन या टैम्पोन का उपयोग करना बैक्टीरिया के विकास को सुविधाजनक बना सकता है. ये बैक्टीरिया बांझपन की संभावना बढ़ा सकते हैं.

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5. सरवाइकल कैंसर की संभावना

पीरियड्स के दौरान अस्वच्छता की वजह से कैंसर के विकास की संभावनाएं पैदा हो जाती हैं. महिलाओं के लिए यह बहुत जरूरी है कि वे अपने पीरियड्स के दौरान न केवल खुद को साफ रखें बल्कि नियमित रूप से अपने प्राइवेट पार्ट की सफाई कर के हमेशा स्वच्छता बनाए रखें.

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