निर्माता निर्देशक करण जौहर की फिल्म ‘स्टूडेंट औफ द इयर 2’ से एक्टिंग क्षेत्र में कदम रखने वाली एक्ट्रेस तारा सुतारिया एक व्यावसायी परिवार की है. बचपन से ही तारा को क्रिएटिव फील्ड से लगाव था. 7 साल की उम्र में वह एक प्रोफेशनल सिंगर बन चुकी थी. उसे टीवी पर बड़ा ब्रेक शो ‘बिग बड़ा बूम’ से मिला. जिससे उसका नाम सबके बीच परिचित हुआ. इसके बाद उसे फिल्म मिली. वह एक अच्छी बैले डांसर भी है. स्वभाव से हंसमुख और स्पष्टभाषी तारा की फिल्म ‘मरजावां’ रिलीज पर है, जिसमें उसने एक मूक लड़की की भूमिका निभाई है.पेश है उससे हुई बातचीत के कुछ अंश.
सवाल-इस फिल्म की खास क्या है,जिससे आप उत्साहित हुई?
मरजावां मेरे लिए एक ख़ास फिल्म है, इसमें मेरी भूमिका भी बहुत अलग है, जो एक मूक लड़की जोया की है. केवल इशारों से वह बात करती है. फिल्म ‘स्टूडेंट ऑफ़ द इयर 2’ से ये अधिक चुनौतीपूर्ण फिल्म है. इसमें इमोशन, लव और ड्रामा को बहुत ही अच्छी तरीके से दिखाया गया है. इसके अलावा इसमें जो साईन लैंग्वेज है, उसे करना भी बहुत कठिन था. स्क्रिप्ट सुनने के बाद मैंने बहरे और गूंगे कम्युनिटी से मिली. उनकी भाषा को सही तरह से सीखकर फिर एक्टिंग किया. स्टूडेंट औफ द इयर 2 के समय मैंने मरजावां को साईन किया था. तभी से मैं इस फिल्म के लिए काम कर रही थी. शूटिंग के बाद कोच आकर मुझे इशारों में बातें करने का तरीका सिखाती थी. बहुत कठिन था ,लेकिन कोच की मदद से मैंने सीखा.
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सवाल-आपकी फिल्म ‘स्टूडेंट औफ द इयर 2’ अधिक नहीं चली, क्या इसका असर आपकी कैरियर पर पड़ा?
इसे जज करना मुश्किल है, क्योंकि मुझे सीरीज की पहली फिल्म अच्छी लगी थी और दूसरी में भी सभी ने मेहनत की थी. मेरे लिए यह बेस्ट डेब्यू फिल्म थी और इसका फायदा मिलेगा ही. मैं हताश नहीं हूं. मैं किसी फिल्म के पैसे से अधिक उसकी क्रिएटिव आस्पेक्ट को देखती हूं. किसी भी फिल्म को करते समय मैं उस फिल्म की कहानी, सेट ,बैनर और अपनी काम को अधिक परखती हूं. इसके बाद जो होता है वह किसी के हाथ में नहीं होता.
सवाल-नौन फिल्मी बैकग्राउंड से आने के बाद फिल्मों में काम मिलना कितना मुश्किल होता है? परिवार का कितना सहयोग रहा ?
मुश्किलें है, लेकिन मैं लकी रही ,क्योंकि करण जौहर ने मुझे पहला काम दिया और मेरी कैरियर एजेंट रेशमा बहुत अच्छी है. इसके अलावा परिवार का सहयोग मुझे बहुत मिला है. मैं एक शाय पर्सन हूं. मैं किसी फ़िल्मी पार्टी में नहीं जाती. मुश्किलें आती है, पर मैं उससे आगे निकलना जान गयी हूं.
परिवार ने शुरू से बहुत सहयोग दिया है. जब मैं 5 साल की थी और माता-पिता को डांस और सिंगिंग की शौक के बारें में बताई, तो उन्होंने उसे पूरा करने के लिए बहुत मेहनत की. स्कूल के बाद गाड़ी में ड्रेस बदलकर डांस क्लास में जाते थे. उसके बाद सिंगिंग क्लास कर घर लौटते थे. उन दिनों से उन्होंने मुझे सारी सुविधाएं दी है, ताकि हम दोनों बहने ग्रो करें. हर माता-पिता को अपने बच्चे को एक्स्ट्रा करिकुलर करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए. इसके अलावा वे हमारे अच्छे दोस्त भी है.
सवाल-क्या बचपन से आप एक्ट्रेस बनना चाहती थी?
जब मैं 5 साल की थी तबसे मैंने गाना शुरू कर दिया तह, इसके बाद बैले डांस सीखी थी. मैंने कभी सोचा नहीं था कि मैं एक्टिंग करुंगी, लेकिन जब मैं 15 साल की हुई तो मैंने थिएटर करना शुरू कर दिया और मुझे बहुत अच्छा भी लगने लगा था. इसी बीच मैं करण जौहर से मिली और फिल्म मिली.
सवाल-अन्तरंग दृश्य करने में कितनी सहज होती है?
मैं रियल लाइफ में शाय हूं और इंटिमेट सीन्स करने में सहज भी नहीं हूं, पर कहानी के हिसाब से कैमरे के आगे करने में संकोच नहीं करती.
सवाल-आपका नाम को स्टार के साथ जुड़ता है, इसे कैसे लेती है?
इसमें कोई भी सच्चाई नहीं है. पहली फिल्म के समय टाइगर श्रौफ के साथ जुड़ा और अब सिद्दार्थ मल्होत्रा के साथ. इसे मैं अधिक महत्व नहीं देती, जब भी किसी को स्टार के साथ काम करते है, तो एक अच्छी ट्यूनिंग बनती है, जिससे वे अच्छे दोस्त बन जाते है. इसके अलावा फिल्मों की शूटिंग महीनों तक चलती है, इससे साथ-साथ खाना पीना घूमना सब होता है, जो बहुत ही साधारण है.
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सवाल-आपका नाम आदर जैन के साथ जुड़ रहा है, इसमें कितनी सच्चाई है?
ये सही है कि उसका साथ मुझे अच्छा लगता है और हम दोनों साथ-साथ घूमने जाते है. उसकी पसंद और मेरी पसंद एक जैसी है. उसे बाहर जाकर नयी-नयी फ़ूड को ट्राय करना पसंद है. वह मेरे लिए बहुत स्पेशल है. इसके आगे कुछ भी बताना मेरे लिए संभव नहीं.
सवाल-यूथ को क्या मेसेज देना चाहती है?
एक्टिंग के क्षेत्र में आने के लिए बहुत धीरज की जरुरत होती है. यहां कुछ भी रातों रात नहीं होता. इसके अलावा अगर आपको कोई फिल्म मिल भी गयी हो, तो आगे मिलेगी ही इसकी कोई गारंटी नहीं होती. इसलिए मैंने सिंगिंग, डांसिंग दोनों सीखे है, ताकि कुछ न कुछ करती रहूं. अपने आपको स्थापित करने के लिए बहुत मेहनत लगती है.
सवाल-अगर आपको कोई सुपर पावर मिले तो क्या बदलना चाहेंगी?
हम प्रोग्रेस कर रहे है, जैसा सब कहते है, पर मुझे ऐसा नहीं लगता. मैं स्कूल लेवल से लड़के और लड़कियों में भेद-भाव को ख़त्म करना चाहूंगी. लड़के और लड़कियां दोनों को एक दूसरे के प्रति रिस्पेक्ट होने की जरुरत है.
Edited by Rosy