जहां बहुत सारे लोग ढेरों पैसे खर्च कर विदेशों में जाते हैं तो वहीं कई लोग ऐसे हैं जो कि अपने शहर में मौजूद जगहों को पैदल घूमना चाहते हैं. अगर आप पैदल घूमना चाहतीं हैं तो दिल्ली में ऐसी जगहों की कमी नहीं है. हम आपको बताते हैं कि आप कहां कहां पैदल यात्रा कर सकतीं हैं.
भारत की राजधानी दिल्ली अपनी ऐतिहासिक धरोहरों, उद्यानों और बाजारों के लिए मशहूर है. दिल्ली में स्थित कई ऐतिहासिक किला मुगल कालीन वास्तुकला की नायाब धरोहर है. दिल्ली के कुछ जगहों पर आप वौकिंग टूर का आनंद ले सकतीं हैं. दिल्ली की संस्कृति, कला और प्राकृतिक सौंदर्य को देखने के लिए पर्यटक कई गलियों, चौराहों और बगीचे में घूमते हैं. इन जगहों पर आप पैदल सैर कर मैजा ले सकतीं हैं.
हम आपको बताते हैं कि दिल्ली में ऐसी कौन कौन सी जगहें हैं जिनका मजा आप पैदल घूम कर ले सकतीं हैं.
चांदनी चौक
चांदनी चौक दिल्ली का पुराना शहर है जो आज भी लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचता है. तंग गलियां होने के बावजूद वह आज भी लोगों को लुभाता है. लाल किले के पास स्थित चांदनी चौक पुरानी दिल्ली का एक प्रमुख बाजार है. दिल्ली यात्रा पर आए हर कोई चांदनी चौक की सैर करना चाहता है. यह दिल्ली के थोक व्यापार का प्रमुख केंद्र है. यह मुगल काल में प्रमुख व्यवसायिक केंद्र था. इसका डिजाइन शाहजहां की पुत्री जहांआरा बेगम ने बनाया था. यहां की गलियां संकरी हैं, इसलिए यहां लोग पैदल घूमना पसंद करते हैं. अगर आप खाने के शौकीन हैं तो पुरानी दिल्ली के चांदनी चौक के पास ही परांठेवाली गली है. इसके अलावा यह अपनी खान पान की विभिन्न दुकानो के कारण काफी प्रसिद्ध है.
कुतुब मीनार
दक्षिण दिल्ली के महरौली भाग में स्थित कुतुब मीनार ईट से बनी विश्व की सबसे ऊंची मीनार है. इसकी ऊंचाई 72.5 मीटर है जो ऊपर जाकर शिखर पर 2.75 मीटर हो जाता है. इसमें 379 सीढि़यां हैं. मीनार के चारों ओर बने आहाते में भारतीय कला के कई उत्कृष्ट नमूने हैं. यह परिसर युनेस्को द्वारा विश्व धरोहर के रूप में स्वीकृत किया गया है. महरौली टूर के दौरान शहर के शोर शाराबे से दूर ऐतिहासिक स्मारकों, कब्रों, रंगीन बाजारों और शानदार कुतुब मीनार देखने के लिए पैदल यात्रा करना सही होगा.
लोधी गार्डन
लोधी गार्डन सफदरजंग के मकबरे से 1 किलोमीटर पूर्व में स्थित है. पहले इस बाग का नाम लेडी विलिंगटन पार्क था. यहां के खूबसूरत फव्वारे, तालाब, फूल और जौगिंग ट्रैक सभी उम्र के लोगों को लुभाते हैं. यहां पेड़ों की विभिन्न प्रजातियां, रोज गार्डन और ग्रीन हाउस है जहां पौधों को रखा जाता है. पूरे वर्ष यहां अनेक प्रकार के पक्षी देखे जा सकते हैं. बगीचे के बीच में बड़ा गुंबद नामक मकबरा है, जिसके पीछे एक मस्जिद है जो 1494 में बनाई गई थी. इस उद्यान में शीश गुंबद, मोहम्मद शाह का मकबरा और सिकंदर लोदी का मकबरा भी हैं. सर्दियों के दिनों में यहां बड़ी संख्या में लोग आते हैं. यह 90 एकड़ में फैला हुआ है.
जामा मस्जिद
जामा मस्जिद दिल्ली की सबसे बड़ी मस्जिद है. जामा मस्जिद का निर्माण 1656 में सम्राट शाहजहां ने किया था. यह पुरानी दिल्ली में स्थित है. यह मस्जिद लाल संगमरमर के पत्थरों का बना हुआ है. मस्जिद के गुंबदों पर कबूतरों का बैठना और नजदीक से उन्हें देखना काफी लुभाता है. दिल्ली के चावड़ी बाजार में स्थित जामा मस्जिद के पास मीना बाजार है. जामा मस्जिद के एक छोर से लाल किला का खूबसूरत नजारा दिखता है. वहीं दूसरी तरफ चांदनी चौक बाजार है.
कनौट प्लेस
कनौट प्लेस दिल्ली का प्रमुख व्यवसायिक केंद्र है. इसका नाम ब्रिटेन के शाही परिवार के सदस्य ड्यूक औफ कनौट के नाम पर रखा गया था. इस मार्केट का डिजाइन डब्यू एच निकोल और टौर रसेल ने बनाया था. यह मार्केट अपने समय की भारत की सबसे बड़ी मार्केट थी. अपनी स्थापना के 65 साल बाद भी यह दिल्ली में खरीदारी का प्रमुख केंद्र है. यहां के इनर सर्किल में लगभग सभी अंतर्राष्ट्रीय ब्रैंड के कपड़ों के शोरूम, रेस्टोररेंट और बार हैं.
प्रगति मैदान
प्रगति मैदान में एशिया की सबसे बड़ी औटो प्रदर्शनी औटो एक्स्पो आयोजित होता है. प्रगति मैदान दिल्ली स्थित बड़े प्रदर्शिनियों का परिसर है. पूरा परिसर छोटे छोटे प्रदर्शनी हौल में विभाजित है. यह परिसर खासकर हर साल लगने वाले विश्व पुस्तक मेला और इंटरनेशनल ट्रेड फेयर के लिए मशहूर है. नई दिल्ली के भैरों मार्ग पर प्रगति मैदान परिसर में शिल्प संग्रहालय स्थित है. यह दिल्ली के प्रमुख पर्यटक स्थलों में से एक है. विश्व भर के लाखों पर्यटक यहां भारत की परंपरागत शिल्प एवं कलाओं का सजीव अवलोकन करने आते हैं.