मान्या की शादी 4 महीने पहले ही हुई है. वह बैंक में है. पहले संयुक्त परिवार में रह रही थी. इसलिए उस पर काम का बोझ अधिक नहीं था. लेकिन शादी के 2 महीने बाद ही पति का ट्रांसफर दूसरे शहर में हो गया. मान्या को भी पति के साथ जाना पड़ा. वह जिस बैंक में थी उस की अन्य शाखा भी उस शहर में थी, इसलिए मान्या ने भी वहां तबादला करा लिया.
दोनों परिवार से दूर अनजाने शहर में रह रहे हैं. यहां मान्या के ऊपर घर व औफिस की दोहरी जिम्मेदारियों का बोझ आ पड़ा. बचपन से संयुक्त परिवार में रही थी. इसलिए उस ने अकेले काम का इतना अधिक बोझ कभी नहीं संभाला था. उस का टाइम मैनेजमैंट गड़बड़ाने लगा. वह घर और दफ्तर के कार्यों के बीच अपना सही संतुलन नहीं बना पा रही थी. धीरेधीरे उस की सेहत पर इस का असर दिखने लगा.
एक दिन अचानक मान्या औफिस में बेहोश हो गई. उसे हौस्पिटल ले जाया गया. डाक्टर ने बताया कि वह तनाव से घिरी है. इस का असर उस के स्वास्थ्य पर पड़ने लगा है. उस के बेहोश होने की वजह यही है.
1 हफ्ता मान्या ने घर पर आराम किया. कई रिश्तेदार और दोस्त उस से मिलने आए. एक दिन उस की एक खास सखी भी आई, जो मल्टीनैशनल कंपनी में मैनेजर थी. उस ने बताया, ‘‘तुम्हारे तनाव और बीमारी की वजह तुम्हारे द्वारा टाइम को सही तरीके से मैनेज नहीं करना है. वर्किंग वूमन के लिए अपने टाइम को इस तरह से बांटना कि तनाव और डिप्रैशन जैसी स्थिति न आए, बहुत जरूरी होता है.’’
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