दक्षिण भारत के लगभग हर सुपर स्टार के साथ सोलह फिल्मों में अपने अभिनय का जलवा दिखाने के बाद ‘‘राज रीबूट’’ से बौलीवुड में कदम रखने वाली कृति खरबंदा की ‘राज रीबूट’ के बाद ‘गेस्ट इन लंदन’ यह दोनों हिंदी फिल्में बाक्स आफिस पर बुरी तरह से मात खा चुकी हैं. मगर दस नवंबर को प्रदर्शित हो रही रत्ना सिन्हा निर्देशित फिल्म ‘‘शादी में जरूर आना’’ को लेकर कृति खरबंदा काफी उत्साहित हैं. उनका दावा है कि बतौर हीरोईन यह फिल्म उन्हे बौलीवुड में स्थापित कर देगी. फिल्म ‘‘शादी में जरूर आना’’ में उनकी जोड़ी राज कुमार राव के साथ है.
27 वर्षीय कृति खरबंदा बहुमुखी प्रतिभा की धनी हैं. वह लेखन, पेटिंग्स आदि से भी जुड़ी हुई हैं. अब तक की छोटी सी जिंदगी में उनके तीन चार प्रेम संबंध टूट चुके हैं, जिसमें से एक काफी गहरा प्रेम संबंध भी टूटा है, पर उसके लिए वह खुद को ही दोषी मानती हैं. हाल ही में कृति खरबंदा ने अभिनय से इतर अपने अन्य शौक को लेकर काफी बातचीत की, जो कि इस प्रकार रही.
अभिनय के अलावा आपके अन्य शौक क्या हैं?
कई तरह के शौक हैं. पढ़ना, लिखना, पेंटिंग्स करना वगैरह वगैरह.
किस तरह की पेंटिंग्स बनाती हैं?
मैं आब्सट्रैक्ट पेंटिंग्स करती हूं. सन सेट या सूर्य की पेंटिंग्स बनाती हूं. मैंने करीबन हजार से अधिक पेंटिंग्स बनायी. मगर मैंने इन्हें लोगों में बांट दिया.
आप किस तरह की चीजें पढ़ना पसंद करती हैं?
मैं बहुत ही ज्यादा रोमांटिक और रचनात्मक हूं. जहां तक पढ़ने का सवाल है, तो कोई तयशुदा जौनर या पसंदीदा लेखक नहीं है. मैं कभी भी किसी भी जौनर और किसी भी लेखक की किताब पढ़ सकती हूं. मैं किताब की दुकान पर जाती हूं. किताब के पहले दो पृष्ठ पढ़ती हूं, वह मुझे पसंद आते हैं, तो मैं उस किताब को खरीदकर घर लाकर पढ़ती हूं. फिर वह किताब किसी भी विषय पर हो सकती है. वैसे फिलासिफी और प्रेम कहानियां बहुत पढ़ती हूं. इसके अलावा मुझे डाक्यूमेंटरी देखने का शौक है. मैं ज्यादा से ज्यादा डेढ़ घंटे तक ही एक साथ बैठकर पढ़ सकती हूं या फिल्म देख सकती हूं.