बौलीवुड में पचास के दशक की सबसे खूबसूरत अभिनेत्रियों में से एक नर्गिस और राजकपूर की लव स्टोरी के किस्से हर किसी की जुबान में रहा करते थे.लेकिन जब नर्गिस को यह बात समझ में आ गयी कि राजकपूर से उन्हें झूंठी दिलासा के अलावा कुछ नहीं मिलेगा और दूसरी तरफ सुनील दत्त उनके लिए सब कुछ कुर्बान कर देने के लिए तैयार थे.तो अंततः नर्गिस भी सुनील दत्त को प्यार करने लगीं.अब क्या था राजकपूर परेशान हो गए.वह चाहते थे नर्गिस और सुनील में किसी भी तरह से दूरियां पैदा हों.इसलिए वह खुद और उनके साथी संगी सुनील दत्त को नर्गिस के खिलाफ एक से एक बातें कहकर भड़काने लगे.यहां तक कि उन्हें एक हद तक इसमें सफलता भी मिलती दिखने लगी.सुनील दत्त काफी परेशान से रहने लगे थे.नर्गिस को यह सब समझते देर न लगी कि आखिर माजरा क्या है ? लेकिन उन्हें यह सूझ नहीं रहा था कि आखिर कैसे वह सुनील को इस परेशानी से बाहर निकालें.अंत में उन्होंने इसके लिए चिट्ठी का सहारा लिया.
नर्गिस ने सुनील दत्त को लिखा, ‘डार्लिगजी आपको मेरे बारे में राजकपूर या किसी और ने जो भी कहा है,उससे गमगीन होने की जरूरत नहीं है.वो आपका ध्यान मुझसे हटाने के लिए कुछ भी कह सकते हैं.यह बात केवल मैं ही जानती हूं कि मैंने अपनी जिंदगी कितनी साफगोई से गुजारी है. मैं चाहती हूं कि आप मुझ पर विश्वास रखें, मैं ऐसा कोई काम नहीं करूंगी, जिससे आपको शर्मिंदा होना पड़े.’ कहते हैं नर्गिस के ख़त की इन पंक्तियों ने जादू कर दिया.इसके बाद सुनील पूरी जिंदगी में नर्गिस को लेकर कभी भी असुरक्षित महसूस किया.