टीवी कलाकार से फिल्म अभिनेता बने सुशांत सिंह राजपूत के फिल्मी करियर पर बारीकी से दृष्टिपात किया जाए, तो अब तक उनकी एक भी फिल्म सफल नहीं है. सुशांत सिंह राजपूत की पहली फिल्म ‘‘काई पो छे’’ को सराहा गया था, जबकि इसमें उनके अलावा अमित साध व कई दूसरे कलाकार भी थे. इसके बावजूद इस फिल्म को आर्थिक रूप से कोई खास सफलता नही मिली थी. उसके बाद ‘शुद्ध देशी रोमांस’, ‘डिटेक्टिव ब्योमकेश बख्शी’ और ‘राब्ता’ बाक्स आफिस पर बुरी तरह से असफल रहीं. फिल्म ‘पी के’ को जबरदस्त सफलता मिली थी, लेकिन इसमें मुख्य भूमिका आमीर खान व अनुष्का शर्मा की थी. फिल्म ‘पी के’ में सुशांत सिंह राजपूत का किरदार छोटा, बामुश्किल पांच मिनट का था.

सुशांत का दावा है कि उनकी फिल्म ‘एम एस धोनी’ हिट है, पर ट्रेड पंडित ऐसा नही मानते. इसके बावजूद सुशांत सिंह राजपूत के बिजनेस मैनेजरों की मशक्कत के चलते सुशांत सिंह राजपूत को एक साथ ‘रौ’, ‘केदारनाथ’, ‘चंदामामा दूर के’, ‘ड्राइव’ जैसी फिल्में मिल गयी, और सुशांत सिंह राजपूत का दिमाग इस कदर खराब हुआ कि उन्होंने बंटी वालिया की फिल्म ‘रोमियो अकबर वाल्टर’ यानी कि ‘रौ’ की शूटिंग शुरू होने से एक दिन पहले ही छोड़ दिया. इस पर बंटी वालिया ने सुशांत सिंह राजपूत के नाम सोशल मीडिया पर खुला पत्र लिखकर जमकर खरी खोटी सुनायी. इसके बाद सोशल मीडिया पर सुशांत के प्रशंसक भी उनको घमंडी की संज्ञा दे रहे हैं. मगर अहम में चूर सुशांत सिंह राजपूत को इसकी परवाह नही है.

सूत्रों की माने तो सुशांत सिंह ने फिल्मकार संजय पूरण सिंह चौहान को इस कदर परेशान किया कि वह संजय की फिल्म ‘चंदमामा दूर के’ की शूटिंग करने की बजाय ‘केदारनाथ’ की शूटिंग करनी शुरू कर दी थी, जिसकी वजह से सुशांत सिंह राजपूत को फिल्म ‘चंदामामा दूर के’ बाहर का रास्ता दिखाया जा चुका है.

पर सुशांत हैं कि सुधरने का नाम ही नहीं ले रहे हैं. उन्होंने निर्देशक अभिषेक कपूर की फिल्म ‘केदारनाथ’ की दस दिन तक अच्छे ढंग से शूटिंग की, उसके बाद उन्हें परेशान करना शुरू कर दिया. इतना ही नही अब वह फिल्म ‘केदारनाथ’ की शूटिंग के लिए वक्त नहीं दे रहे हैं. परिणामतः फिल्म की शूटिंग का दूसरा शिड्यूल शुरू नहीं हो पा रहा है और अब अभिषेक उस दिन को कोस रहे हैं, जिस दिन उन्होंने अपनी फिल्म के साथ सुशांत को जोड़ा था.

सुशांत किसी के भी साथ ठीक से बात नही कर रहे हैं. वह अपने प्रशंसकों को भी नाराज करते जा रहे हैं. सूत्र दावा कर रहे हैं कि उनके अति नजदीकी लोग ही अब कहने लगे हैं कि सुशांत सिंह राजपूत खुद को पंडित कालीदास मानकर चल रहे हैं, तभी तो वह जिस डाली पर बैठते हैं, उसी को खुद ही काटना शुरू कर देते हैं.

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