जब से फिल्मकार संजय लीला भंसाली ने फिल्म ‘पद्मावती’ के निर्माण की घोषणा की थी, तब से इस फिल्म का ‘राजपूत करणी सेना’ द्वारा सतत विरोध हो रहा है. जयपुर में शूटिंग के दौरान राजपूत करणी सेना के कुछ लोगों ने शूटिंग रूकवा दी थी और संजय लीला भंसाली को थप्पड़ भी जड़ दिया था. उसके बाद कोल्हापुर के स्टूडियो में फिल्म ‘पद्मावती’ के किरदारों के अनुरूप सिलाए गए कौस्ट्यूम जला दिए गए थे. अब जबकि फिल्म पूरी हो चुकी है और संजय लीला भंसाली की पुरजोर कोशिश है कि वह फिल्म ‘पद्मावती’ को एक दिसंबर को पूरे भारत व विदेशो में भी प्रदर्शित करें. वहीं ‘राजपूत करणी सेना’ की तरफ से पुरजोर कोशिश की जा रही है कि फिल्म को बैन कर दिया जाए.
अब इस विरोध का राजनीतिकरण भी होता जा रहा है. यहां तक कि अब इस विवाद में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री व गुजरात के बहुत बड़े नेता शंकर सिंह वाघेला के साथ साथ ‘भारतीय जनता पार्टी’ की गुजरात इकाई की तरफ से भी फिल्म को गुजरात चुनाव से पहले प्रदर्शित न किए जाने की मांग की गयी है. मसला तो अब चुनाव आयोग तक पहुंच गया है. ज्ञातव्य है कि फिल्म ‘पद्मावती’ एक दिसंबर को प्रदर्शित होनी है, जबकि गुजरात विधानसभा के चुनाव नौ और चौदह दिसंबर को होंगे और मतगणना 18 दिसंबर को होगी. गुजरात के राजनेता नहीं चाहते कि ‘पद्मावती’ के विरोध के चलते उपद्रव हो और उसका असर गुजरात के चुनाव पर पड़े. हर किसी को अब अपने वोट बैंक की भी चिंता सताने लगी है.
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