दुनिया में वैसे तो बहुत सारी इमारते हैं, जो पुराने समय में उस समय के लोगों द्वारा बनवाई गई थी. आज हम आपको भारत में मौजूद कुछ ऐसी ही मीनारों की सैर पर ले जाने आएं है जिन्हें देख कर आपको वाकई यह लगने लगेगा की आखिर ये बनाया कैसे गया.
ताजमहल
दुनिया के सात अजूबों में शामिल आगरा का ताजमहल विश्व प्रसिद्ध है. मुगल शासक शाहजहां ने अपनी पत्नी मुमताज महल की याद में इसे बनवाया था. ताजमहल मुगल वास्तुकला का उत्कृष्ट नमूना है. सफेद संगमरमर का बना ताज पर्यटकों को खासा आकर्षित करता है. 22 साल में बनकर तैयार हुआ ताजमहल आज भी वैसा ही चमचमाता हुआ नजर आता है. इस खूबसूरत इमारत को देखने हर साल 40 लाख लोग आते हैं. इसमें से 70 फीसदी भारतीय होते हैं.
लाल किला
मुगल काल से लेकर आजाद भारत तक की सभी घटनाओं का गवाह रहा दिल्ली का लाल किला भारत की शान है. स्वतंत्रता दिवस हो या गणतंत्र दिवस, जब तक इस इमारत पर तिरंगा झंडा नहीं फहरता, राष्ट्रीय पर्व अधूरा ही रहता है. मुगल बादशाह शाहजहां की हुकूमत में बनवाई गई इस ऐतिहासिक इमारत की बुनियाद सन् 1639 में रखी गई थी. इसके निर्माण में 9 साल का समय लगा. इसे बनाने में ज्यादातर लाल पत्थरों का इस्तेमाल किए जाने के कारण ही इसे ‘लाल किला’ नाम दिया गया.
कुतुब मीनार
दक्षिण दिल्ली के महरौली में स्थित कुतुब मीनार ईंट से बनी विश्व की सबसे ऊंची मीनार है. इसकी ऊंचाई 237 फुट है. इसमें 379 सीढ़ियां हैं. भारतीय स्थापत्य कला का यह बेहतर नमूना है. साल 1192 में दिल्ली के प्रथम मुस्लिम शासक कुतुबुद्दीन ऐबक ने इसका निर्माण करवाया था. ऐबक ने इसका आधार बनवाया था, जबकि सन 1368 में फिरोजशाह तुगलक ने इसे पूरा करवाया. कुतुब मीनार की खासियत है कि, यह बिल्कुल सीधी नहीं बल्िक हल्की झुकी हुई है.
सांची का स्तूप
मध्य प्रदेश में स्थित सांची का स्तूप प्रसिद्ध बौद्ध स्मारक है. सांची स्तूप बौद्ध धर्म के बारे में काफी कुछ बताता है. वैसे सांची में असंख्य बौद्ध संरचनाएं और मठ स्थित हैं. इन स्मारकों की संरचना तीसरी और 12वीं सदी के बीच की बताई जाती है. सांची का स्तूप यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों में शामिल है. मौर्य सम्राट अशोक ने बौद्ध धर्म से प्रभावित होकर इस स्तूप का निर्माण करवाया था. सांची स्तूप एक अर्द्ध परिपत्र चट्टान से बना हुआ सबसे महत्वपूर्ण और प्रभावशाली स्तूप है.
चारमीनार
चारमीनार आंध्र प्रदेश की राजधानी हैदराबाद का सबसे प्रसिद्ध और महत्वपूर्ण स्मारक है. चारमीनार को मुहम्मद कुली कुतुबशाह ने बनवाया था. हैदराबाद शहर प्राचीन और आधुनिक का अनोखा मिश्रण है जो देखने वालों को 400 वर्ष पुराने भवनों की भव्यता के साथ आपस में सटी आधुनिक इमारतों का दर्शन भी कराता है.
चारमीनार अपनी भव्य सुंदरता के कारण बड़ी संख्या में पर्यटकों को अपनी ओर खींचता है. चारमीनार चार मीनारों से मिलकर बनी एक चौकोर प्रभावशाली इमारत है. इसके मेहराब में हर शाम रोशनी की जाती है जो एक अविस्मरणीय दृश्य बन जाता है.