जब डाक्टर सैमुएल हैनीमैन ने होम्योपैथी को दवा के रूप में विकसित किया, तो उन्होंने इस बात पर ज्यादा जोर दिया कि इस के सिद्धांत भी मानवीय सिद्धांतों की तरह ही हों. उधर बोएनिंगहासेन ने पशुओं के लिए होम्योपैथिक दवाओं पर काम जारी रखा. यूके में जौर्ज मैकलौयड होम्योपैथिक पशु चिकित्सक थे. साल 1982 में ‘ब्रिटिश ऐसोसिएशन औफ होम्योपैथिक वैटरिनरी सर्जंस’ की नींव रखी गई, जो होम्योपैथिक पशु चिकित्सकों और विद्यार्थियों के लिए केंद्र बन गया.
होम्यो पशुचिकित्सा का इतिहास
होम्योपैथी में पशु चिकित्सा के कोर्सों की शुरुआत रौयल लंदन होम्योपैथिक अस्पताल से हुई. अप्रैल, 1986 में ‘इंटरनैशनल ऐसोसिएशन फौर वैटरिनरी होम्योपैथी’ का गठन लक्जेमबर्ग में किया गया. क्रिस्टोफर डे इस ऐसोसिएशन के पहले अध्यक्ष बने. इस क्षेत्र में अन्य काम करने के साथसाथ ऐसोसिएशन ने वैटरिनरी मैटेरिया मेडिका (लिखित मैडिकल मैटेरियल) भी बनाई.
संस्था ने 1988 में वैटरिनरी डीन के पद का गठन किया ताकि वैटरिनरी होम्योपैथी शिक्षा और प्रशिक्षण कार्यक्रम की देखरेख की जा सके. साल 1991 में पहले वैटरिनरी फैलोफैकैल्टी का चुनाव भी किया गया. साल 2001 में वैटरिनरी होम्योपैथी के पहले प्रशिक्षण और योग्यता पाठ्यक्रम [एलएफ होम (वेट)] का गठन किया गया. इन सब के फलस्वरूप आज फलतीफूलती होम्योपैथिक वैट कम्यूनिटी को देखा जा सकता है. होम्योपैथिक दवाओं की सूचियां सभी होम्योपैथिक पशु चिकित्सकों के पास उपलब्ध हैं.
पशुओं पर इस्तेमाल
घरेलू जानवरों से ले कर फार्मिंग के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले पशुओं, घोड़ों, जंगली जानवरों, पक्षियों और मछलियों पर भी होम्योपैथी का इस्तेमाल किया जाता रहा है. और्गेनिक खेती करने वाले किसान होम्योपैथी को प्रभावी और सुरक्षित मानते हैं, क्योंकि यह मवेशियों के मीट, दूध और अंडों में मौजूद तत्त्वों को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचाती.