कोरोना वायरस जिसने हम सभी को घरों में रहने पर मजबूर कर दिया है. लेकिन हम सब भी इसका मिलकर मुकाबला कर रहे हैं और यकीकन जल्द ही इस पर काबू भी पा लेगें. इस दौरान हमें घबराने की जरूरत नहीं है और ना ही अफवाहों पर ध्यान देने की जरूर है. जरूरत है तो सावधानी बरतने की और अपना ख्याल रखने की. इसलिए पूरे देश को लौकडाउन कर दिया गया है. कोरोना वायरस को हराने के लिए आज पूरा देश एक साथ है. समय-समय पर WHO इससे जुड़ी जानकारी हमारे सामने ला रहे हैं. इस आर्टिकल में आप जानेंगे कि यह वायरस शरीर में जाने के बाद किस तरह बौडी को नुकसान पहुंचाता है.
शुरुआती लक्षण
जब सांसों के जरिए कोरोना वायरस किसी व्यक्ति के शरीर के अंदर पहुंचता है, तो इसके शुरुआती लक्षण बेहद मामूली से नजर आते हैं, लेकिन धीरे-धीरे यह अपना भयानक रूप ले लेता है. जब कोविड-19 बॉडी पर अटैक करता है तो इसके शुरुआती समय को इन्क्यूबेशन पीरियड कहा जाता है. इन्क्यूबेशन पीरियड इंफेक्शन और लक्षण दिखने के बीच का वक़्त होता है. शरीर के अंदर जाने के बाद ये वायरस सबसे पहले इंसान के गले की आसपास की कोशिकाओं पर हमला करता है. इसके बाद सांस की नली और फेफड़ों पर हमला करता है. इस स्टेज में आने के बाद ज्यादातर पेशेंट्स को सांस लेने में तकलीफ होने लगती है.
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ऐसे बढ़ती है वायरस की संख्या
सांस की नली और फेफड़ों पर हमला करने के बाद यह वायरस यहां पर धीरे-धीरे अपनी संख्या बढ़ाने लगता है. ऐसे में कोरोना वायरस खुद को शक्तिशाली बना लेता है तो यह बाकी कोशिकाओं पर भी तेजी से हमला करने में लग जाता है. इस दौरान पेशेंट खुद को बीमार महसूस करने लगता है. वायरस का असर बढ़ने पर बुखार खांसी, बदन दर्द, गले में खराश और सिर दर्द जैसे संकेत नजर आने लगते हैं. इस दौरान आपके शरीर का इम्युन सिस्टम वायरस से लड़ने की कोशिश करता है. वायरस को ख़त्म करने के लिए शरीर का इम्युन सिस्टम, साइटोकाइन नाम का केमिकल छोड़ना शुरू करता है. शरीर की रोग प्रतिरोधक शक्ति पूरे ज़ोर से हमले का जवाब देने में जुट जाती है और इस कारण आपको बदन दर्द और बुखार भी हो सकता है. कोरोना वायरस की वजह होने वाली खांसी ज्यादातर सूखी खांसी होती है जिसमें बलगम नहीं आता. कुछ लोगों को इस दौरान खराश की शिकायत भी देखी जाती है.