लेखक-रंगनाथ द्विवेदी
मैंने सबसे पहले जिस--"शादीशुदा व्यक्ति या पति में पत्नी रूपी कोरोना वायरस का लक्षण देखा था वह महान व्यक्ति कोई और नहीं बल्कि मेरे आदरणीय ससुर जी थे". यह कोरोना वायरस मेरी सास अपने मायके से लेकर आई थी, अर्थात यह कोरोना वायरस हमारे ससुराल में खानदानी थी जो की हमारी पत्नी में अपने मां से आई थी. एक तरह से हम यह कह सकते हैं कि--"जो भी लड़का इस खानदान की लड़की से विवाह करेगा वह निश्चित है कि अपनी पत्नी की मोहब्बत का कोरोना पॉजिटिव पेशेंट हो जाएगा". उसे फिर किसी डॉक्टर से जांच कराने की भी आवश्यकता नहीं पड़ेगी. यह पत्नियां अपने-- "कोरोना पॉजिटिव पति को पहले स्टेज से ही आगे नहीं बढ़ने देती".
जब से हमारी शादी उन दोनों महान विभूतियों की बेटी से हुई है तब से मैं भी इस मोहब्बत की कोरोना वायरस का पॉजिटिव पति हूं.यह-- "संक्रमित बीमारी केवल पत्नी के रूप में में ही घरों में पाई जाती है". इसमें किसी भी पति की असामयिक मृत्यु नहीं होती बल्कि वे अपना पूरा जीवन जीता है. यह कोरोना वायरस की चपेट में अपने-अपने पतियों को लेने वाली पत्नियां--"किचन में कुछ इस तरह अपने पति को लाक डाउन करती है कि वे अपनी पत्नी को तरह-तरह के नाश्ता और भोजन बना कर देता रहता है". पत्नी अपने पति को किसी तरह का मास्क नहीं लगाने देती नहीं 1 मीटर से ज्यादा दूर अपने पति को रहने देती हैं. हां केवल पत्नी अपने मेकअप के मास्क को अवश्य अपने पति के द्वारा छूने नहीं देती--"यह पति को न छूने देना, उनके रूप के कोरोना वायरस को एक पति के लिए और खतरनाक बनाता है".